वैशाली. 66वीं बीपीएससी परीक्षा का रिजल्ट आ चुका है. वैशाली जिले के सुधीर कुमार ने पहला स्थान लाकर टॉप किया है. वहीं दूसरे नंबर पर नालंदा के अंकित कुमार का नाम हैं. सुधीर के पिता पोस्ट ऑफिस में क्लर्क हैं तो वहीं अंकित के पिता किसान हैं. रिजल्ट आने के बाद घर में खुशियों का माहौल है. एबीपी न्यूज ने सुधीर और अंकित से बात की. पढ़िए उनकी सफलता की पूरी कहानी.
सुधीर कुमार मूल रूप से वैशाली के महुआ बाजार के रहने वाले हैं. उनके पिता महुआ पोस्ट ऑफिस में लिपिक के पद पर हैं और मां महुआ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में नर्स हैं. सीमित आमदनी के बावजूद सुधीर ने संघर्ष किया और पहला स्थान लाकर आज नाम रोशन कर दिया. सुधीर ने बताया कि बीपीएससी में पहली बार परीक्षा दी है और पहली बार में ही पहला स्थान मिल गया है.
सुधीर ने कहा कि वह दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं. उनका सपना है कि वो आईएएस अधिकारी बनें. कहा कि बीपीएससी में पहला स्थान आया है उससे भी खुशी है. सुधीर ने बताया कि वो मां-बाप के इकलौते बेटे हैं. उनसे बड़ी दो बहनें हैं. दोनों बहनों की शादी हो चुकी है. सुधीर ने बताया कि दो बहनों की शादी के बाद पिताजी के हाथ खाली हो गए. पैसों की तंगी घर में जरूर आई लेकिन सब मैनेज हो गया.
नालंदा जिले के अस्थामा प्रखंड स्थित अकबरपुर गांव के रहने वाले अंकित कुमार को 66वीं बीपीएससी में दूसरा स्थान मिला है. अंकित एक मामूली किसान के बेटे हैं. वे दो भाई और दो बहन हैं. परिवार में वह सबसे छोटे हैं. अंकित की कहानी भी कुछ अलग है. अंकित ने बताया कि उन्होंने तीसरी बार बीपीएससी की परीक्षा दी थी. पहले दो बार में सफलता नहीं मिली.
अंकित ने बताया कि पिताजी मामूली किसान हैं और खेती कर सभी बच्चों को पढ़ाया है. बड़े भैया सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. दोनों बहनों ने भी पढ़ाई की है. एक बहन सरकारी नौकरी कर रही है. अंकित ने कहा कि घर में पैसे की किल्लत हमेशा रही है. हम लोगों को अपनी जरूरतों को नजरअंदाज करना पड़ा है. भैया को नौकरी मिली तो स्थिति सुधरी. पिता जी की इच्छा थी कि उनका बेटा बहुत बड़ा ऑफिसर बने. आज पिताजी का सपना साकार हो गया है.