नई दिल्ली। 31 वर्षीय रिया का पिछले पांच साल से डायलिसिस चल रहा था। बीते दिनों उसकी किडनी फेल हो गई थी। ऐसे में तुरंत प्रत्यारोपण की जरूरत थी, लेकिन कोई अंगदाता नहीं मिलने से मरीज की परेशानी बढ़ रही थी। ऐसे में उसके भाई ने अपना फर्ज निभाते हुए किडनी दान कर दी।
डॉक्टरों का कहना है कि रिया को न केवल एक नई जिंदगी मिली बल्कि अब वह पूरी तरह से सामान्य जीवन जी सकती है। हरियाणा के रोहतक की रहने वाली रिया पिछले माह दिल्ली के आकाश अस्पताल में भर्ती हुई थी। यहां सप्ताह में तीन बार डायलिसिस किया गया और बाद में उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ।
अस्पताल के नेफ्रोलाजी विभाग के निदेशक डॉ विक्रम कालरा ने बताया कि मरीज के पति किडनी दान करना चाहते थे, लेकिन उनका ब्लड ग्रुप मरीज के साथ मेल नहीं खाता था। इसके बाद उनके भाई की जांच की गई, जिसमें ब्लड ग्रुप मैच हो गया और पांच घंटे की लंबी सर्जरी में ट्रांसप्लांट पूरा किया। यह एक चुनौतीपूर्ण सर्जरी थी क्योंकि मरीज का दिल अपनी क्षमता का 25% ही पंप कर रहा था। इससे फेफड़ों में अतिरिक्त द्रव का इकठ्ठा होने का ख़तरा बन रहा था, हालांकि प्रत्यारोपण सफल रहा।
मरीज के शरीर ने ट्रांसप्लांट किए गए अंग को अच्छी तरह से स्वीकार किया और ट्रांसप्लांटेशन के बाद उनके हार्ट की कार्यक्षमता में सुधार हुआ। डॉ विकास अग्रवाल ने कहा कि इस केस में मरीज के लंबे समय तक हाई ब्लड प्रेशर की समस्या ने उनकी किडनी को प्रभावित किया। हालांकि कई अन्य सामान्य आदतें हैं जो किडनी के कार्य को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
जैसे कि दर्द निवारक दवाओं का बहुत ज्यादा प्रयोग, नियमित रूप से प्रसंस्कृत भोजन करना, पर्याप्त नींद न लेना, पर्याप्त पानी न पीना, ज्यादा मांस या चीनी का सेवन और गतिहीन लाइफ़स्टाइल शामिल हैं। इन चीजों की वजह से शहरी क्षेत्रों में किडनी की बीमारी बढ़ रही है।