नई दिल्ली. भारत में किसानों की कम आय कई वर्षों से एक समस्या रही है. देश का पेट पालने वाले अन्नदाता कभी फसलों की बर्बादी तो कभी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल पाने से परेशान रहते हैं. हालांकि, सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के हर संभावित प्रयास कर रही है. देश में ज्यादातर किसान गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में कुछ राज्य ऐसे हैं जहां किसान बेहद खुशहाल हैं.
देश के कुछ राज्यों में किसानों की आर्थिक स्थिति बेहद अच्छी है. इनमें पूर्वोत्तर और उत्तर भारत के राज्य शामिल हैं, जहां किसान अपनी खेती के तरीकों से काफी समृद्ध हैं. हालांकि, एक राज्य इनमें ऐसा है जहां के किसान के सबसे ज्यादा समृद्ध हैं. आइये जानते हैं इन राज्यों के किसानों की आर्थिक स्थिति और उनकी मासिक आय क्या है?
देश में मेघालय के किसानों को सबसे अमीर माना जाता है. इसकी गवाही खुद सरकारी आंकड़े देते हैं. इस राज्य के किसानों की मासिक आय 2019 में 29,348 रुपये थी. सरकारी एजेंसी प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो पर हर राज्य के किसानों की मासिक आय के आंकड़े उपलब्ध हैं. इनमें मेघालय के किसान आमदनी के मामले में देशभर में अव्वल हैं.
मेघालय के किसानों की बेहतर आय होने का सबसे बड़ा कारण है जैविक खेती, क्योंकि ऑर्गेनिक खेती ज्यादा होने की वजह से फसलों की उत्पादन लागत कम है. यहां के किसान यूरिया का प्रयोग नहीं करना चाहते हैं. यहां ज्यादातर बागवानी फसलों की खेती होती है. मेघालय के किसान मार्केट से बहुत कम बीज खरीदते हैं और पारंपरिक बीजों को प्राथमिकता देते हैं इसलिए यहां के किसानों की औसत आय अच्छी है.
मेघालय के किसान चावल और मक्का खूब उगाते हैं. इसके अलावा बागवानी की फसलों में पाईनेपल, कटहल, केला और संतरे की बड़े पैमाने पर खेती होती है. मेघालय में अदरक और हल्दी का भी बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है और यहां की हल्दी बहुत खास होती है.
खेती-किसानी में पानी और बेहतर मौसम सबसे अहम घटक होता है. यहां के किसानों को सिंचाई के लिए पानी प्राकृतिक रूप से मिल जाता है, क्योंकि यहां सबसे अधिक बारिश होती है. मेघालय के मासिनराम का नाम गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है. यहां सालाना औसत बारिश 11,872 मिलीमीटर होती है. जो चेरापूंजी से भी 100 मिलीमीटर ज्यादा है.
इसके अलावा पंजाब और हरियाणा के किसान दूसरे व तीसरे नंबर पर आते हैं. पंजाब के किसानों की मासिक आय 26,701 रुपये है और हरियाणा में यह आंकड़ा 22,841 रुपये है.