नई दिल्ली। दूसरे देशों के साथ सीमा साझा करने वाले राज्यों के सरहदी इलाकों में तेजी से डेमोग्राफी में बदलाव आ रहा है. एक खास पैटर्न पर हो रहे इन बदलावों ने केंद्र सरकार के कान खड़े कर दिए हैं. हालात से चिंतित केंद्र ने राज्यों को निर्देश जारी कर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता देने की अपील की. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सभी राज्यों के डीजीपी अपने राज्यों खासकर सरहदी इलाकों पर विशेष ध्यान दें. वहां सीमाई क्षेत्रों में क्या डेमोग्राफिक बदलाव हो रहे हैं और उन्हें कैसे रोका जा सकता है, इस पर अपनी निगरानी बढ़ाएं.

देश की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति पर दिल्ली में 2 दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसका गुरुवार को समापन हो गया. सम्मेलन में राज्यों के डीजीपी के अलावा NIA और IB के अधिकारी भी शामिल हुए. राज्यों के डीजीपी को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि सीमा से जुड़े जिलों में सभी तकनीकी और रणनीतिक महत्व से जुड़ी जानकारियां नीचे तक साझा करें.

अमित शाह ने आगे कहा कि आंतरिक सुरक्षा पर जम्मू कश्मीर में आतंकवाद, उत्तरपूर्व में उग्रवादी संगठन और वामपंथी उग्रवाद ये तीन ऐसे नासूर थे, जिन्हें खत्म करने की दिशा में हमने एक बड़ी सफलता हासिल की है. उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने नए कानून बनाए, राज्यों के साथ समन्वय स्थापित किया और तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया.

केंद्रीय ग्रह मंत्री ने सभी पुलिस महानिदेशकों का आह्वान किया कि वे राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली को निचले स्तर तक ले जाने में अपना योगदान दें. उन्होंने कहा कि ये देश और युवाओं के भविष्य की लड़ाई है जिसे साथ मिलकर हमें हर हाल में जीतना है. अमित शाह ने कहा कि वर्ष 2014 में जबसे नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, उन्होंने हमेशा आंतरिक सुरक्षा पर बल दिया है. यही नहीं चुनौतियों से निपटने के लिए सुरक्षा तंत्र को मजबूत भी किया है. इस सम्मेलन में साइबर फ्रॉड और ड्रग तस्करी पर भी विस्तृत चर्चा की गई.