कानपुर| कानपुर के बिल्हौर कोतवाली क्षेत्र के राढ़ा ग्राम पंचायत के अटिया गांव स्थित प्राचीन गंगेश्वर तट पर स्नान करने पहुंचे पास के ही पांडेपुर गांव के चार युवकों में से दो चचेरे भाई गहरे पानी में शमा गए। चीखपुकार सुनकर आसपास के ग्रामीण और गोताखोर मौके पर पहुंचे और खोजबीन शुरू की। काफी देर बाद दोनों युवकों को जैसे-तैसे बाहर निकालकर सीएचसी बिल्हौर भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर हाल बेहाल बना है।

सावन के अंतिम सोमवार के मौके पर क्षेत्र के अटिया गंगेश्वर तट पर पास के ही पांडेपुर गांव निवासी भरत कुमार शुक्ल का पुत्र गोविंद शुक्ल (20) और सतीश शुक्ल का पुत्र मयंक (21) गंगा स्नान करने के लिए अपने दो अन्य साथियों संग आए थे। भरत और सतीश सगे भाई हैं।

इंस्पेक्टर बिल्हौर सुरेंद्र सिंह ने बताया कि गोविंद और मयंक अपने दो अन्य साथियों निकुंज व संदीप के साथ गंगेश्वर तट पर आए थे। यहां लोग एक पक्की पुलिया से कूद-कूद कर नदी में स्नान कर रहे थे। इसे देख दोनों चचेरे भाइयों ने भी छलांग लगा दी। गहरे पानी में छलांग लगाने से दोनों बाहर नहीं निकल पाए। मौके पर मौजूद उनके साथियों ने आनन-फानन में चीख चिल्लाकर ग्रामीणों को बुलाया। जैसे-तैसे कड़ी मशक्कत के बाद गोविंद और मयंक को बेदम हालत में नदी से बाहर निकाला गया। इसके बाद दोनों को तत्काल सीएचसी बिल्हौर भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। उधर परिजनों ने शवों का पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने शवों को परिजनों को सौंप दिया।

बिल्हौर के अटिया गंगेश्वर घाट से मात्र दो किमी पश्चिम में स्थित अकबरपुर सेंग गंगा तट पर 21 अगस्त को रसूलपुर गांव निवासी अनुराग शर्मा (18) भी गहरे पानी में डूब गए थे, एक सप्ताह गुजर जाने के बाद भी उक्त युवक का पुलिस और स्थानीय गोताखोर सुराग तक नहीं लगा सके हैं। गंगा नदी का जल स्तर बढ़ जाने और बहाव तेज हो जाने से अनुराग के दूर कही बहकर जाने की चर्चाएं हैं। उधर अटिया की घटना में बहाव कम होने और कच्चे नाले की पुलिया में नदी का पानी भर जाने से घटना होने के बाद भी दोनों के शव मिलने का कारण स्थानीय लोग बता रहे हैं।