हाईकोर्ट आजकल देश के कई कोर्ट्स की बहस सोशल मीडिया पर लाइव की जाती है। इन वीडियोज को देख आम-जनमानस भी यह समझ चुका है कि कोर्ट के अपने नियम, कायदे और कानून होते हैं जिनका पालन हर हाल में करना होता है। बीते शुक्रवार गौहाटी हाईकोर्ट से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां एक वकील को नियमों का उल्लंघन करना भारी पड़ा गया।
बॉर एंड बेंच डॉट कॉम की एक खबर के अनुसार, बीते शुक्रवार को गौहाटी हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मियों से एक वकील को कोर्ट परिसर से हटाने के लिए कहा। दरअसल ये वकील साहब हाईकोर्ट की बेंच के सामने पेशी के दौरान जींस पहनकर आए थे। इसी वजह से पुलिसकर्मियों को वकील को हटाने के निर्देश दिए गए।
इस मामले को जस्टिस कल्याण राय सुराना ने चीफ जस्टिस के साथ-साथ असम, नागालैंड, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश की बार काउंसिल के सामने रखने का निर्देश भी दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “मामला आज स्थगित कर दिया गया क्योंकि याचिकाकर्ता के विद्धान वकील श्री बी.के. महाजन ने जींस पैंट पहन रखी है। इसलिए, अदालत को उन्हें हाई कोर्ट कैंपस से बाहर भिजवाने के लिए पुलिस कर्मियों को बुलाना पड़ा।”
एडवोकेट एक्ट, 1961 के अनुसार, प्रैक्टिस करने वाले सभी वकीलों को अदालती कार्यवाही में भाग लेने के दौरान काला कोट पहनना या नेकबैंड के साथ सफेद शर्ट पहनना जरूरी है। पेशेवर मानकों पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियम भी यही बात को दोहराते हैं और कहते हैं कि वकीलों को हमेशा अदालत में प्रेजेंटेबल होना चाहिए।
हाल के दिनों में कोरोना महामारी के बीच वर्चुअल तरीके से अदालती कार्यवाही का चलन बढ़ा है। इस दौरान वकीलों के लिए तय किए गए पारंपरिक ड्रेस कोड में कई बार उल्लंघन देखा गया, जिसकी आलोचना भी की गई।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल वकीलों को ड्रेस कोड में रियायत से संबंधित एक याचिका पर विचार करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया था। इस बीच बीच-बीच में यह सवाल भी उठता रहा है कि अदालती कार्यवाही में शामिल होने वाले वादियों को क्या पहनना चाहिए।