वाराणसी. राजापुरा दारानगर निवासी रिजवान का शक और गुस्सा सोनम की जान पर भारी पड़ा। सोनम सपने में भी यह नहीं सोची रही होगी कि शनिवार को वह घर से काम करने निकलेगी तो जीते जी नहीं लौट पाएगी। रिजवान की करतूत से गोपाल बाग कॉलोनी और डिगिया इलाके के साथ ही राजापुरा दारानगर के लोग भी खासे गुस्से में दिखे। लोगों का यही कहना था कि पुलिस रिजवान के खिलाफ अदालत में प्रभावी तरीके से पैरवी कर उसे मौत की सजा दिलाए।
डिगिया इलाके में परिजनों के साथ किराये के मकान में रहने वाली सोनम की हत्या रिजवान ने उसके दुपट्टे से गला कस कर की। इसके बाद उसके दुपट्टे से ही उसका मुंह और हाथ बांध कर शव को सीवर चेंबर में फेंक दिया। फिर, इत्मीनान के साथ जैतपुरा थाने पहुंचा और पुलिस को बताया कि उसने सोनम की हत्या कर दी। रिजवान का कबूलनामा सुनकर जैतपुरा थाने में मौजूद पुलिस कर्मी सन्न रह गए। सभी उसको तत्काल थाने की जीप में बैठाकर घटनास्थल की ओर भागे। उसकी निशानदेही पर सोनम का शव बरामद किया गया।
पुलिस की पूछताछ में रिजवान ने बताया कि वह और सोनम पांच साल से ज्यादा समय से एक-दूसरे से प्रेम करते थे। इधर उसे लगने लगा था कि सोनम किसी और से प्रेम करने लगी है। उसने एक युवक के साथ सोनम को देखा भी था। इस संबंध में पूछने पर वह कभी भी स्पष्ट जवाब नहीं देती थी। इस वजह से उसका शक यकीन में बदलता जा रहा था। शनिवार को सोनम से वह रास्ते में ही मिला और उसे अपने साथ ले गया। बातचीत के दौरान उसने अपना पुराना सवाल दोहराया तो वह फिर टालमटोल करने लगी। इस पर अपने गुस्से को काबू नहीं कर सका और जो नहीं होना चाहिए था, वह उससे हो गया। पुलिस कर्मियों से रिजवान ने कहा कि उसे अपनी करतूत का जिंदगी भर पछतावा रहेगा।
रिजवान से पुलिस ने पूछा कि हत्या करने के बाद वह सीधे जैतपुरा थाने क्यों चला आया? वह चाहता तो कहीं भाग भी सकता था। इस पर रिजवान ने कहा कि भाग कर आखिर क्या करता और कितने दिन तक छुपते हुए इधर-उधर भटकता। एक न एक दिन तो पकड़ा ही जाता। रिजवान ने कहा कि वह सोनम से सच्चा प्रेम करता था और भविष्य के लिए बहुत कुछ सोच रखा था। लेकिन, किस्मत ने कुछ और ही तय कर रखा था। गुस्से में सोनम की हत्या करने के बाद उसने तय किया कि वह अपना गुनाह कबूल करेगा और पुलिस को सच्चाई बता कर सजा काटेगा।
धर्मेंद्र कुमार का परिवार पांच साल से ज्यादा समय से डिगिया मुहल्ले में किराये पर रहता है। धर्मेंद्र के बेटे सत्यम ने बताया कि उसकी बहन तीन भाई और एक बहन में दूसरे नंबर की थी। सत्यम ने कहा कि घर की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। इस वजह से मां सुनीता के साथ बहन सोनम घर के खर्च में हाथ बटाने के लिए दूसरों के यहां काम करती थी। उसकी कभी कोई शिकायत घर पर नहीं आई थी और वह सभी का ध्यान रखती थी। वहीं, सुनीता की हालत बेसुधों जैसी थी। सुनीता का कहना था कि पॉवरलूम संचालक और उसका परिवार भी कसूरवार है। पॉवरलूम संचालक के यहां रिजवान ने उनकी बेटी को मार डाला और उन लोगों ने पुलिस को सूचना तक नहीं दी। सुनीता को बड़ी ही मुश्किल से मुहल्ले की महिलाएं संभाले हुए थीं।
सोनम की मां सुनीता ने बताया कि उसकी बेटी काम करने जाती थी तो रिजवान उसे परेशान करता था। कई बार इसकी शिकायत उससे की गई थी, जिसके पॉवरलूम में रिजवान काम करता था। उन लोगों ने यदि शिकायत पर ध्यान देकर रिजवान को काम से हटा दिया होता तो शायद वह इस इलाके में न रहता और यह दिन नहीं देखना पड़ता। सुनीता का रोना-बिलखना देख कर उसको ढांढस बंधा रही मुहल्ले की महिलाओं की हिम्मत भी जवाब दे जा रही थी।