नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश का ’योगी मॉडल’ मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ को अब बूस्टर देने की तैयारी में है। योगी आदित्यनाथ के इसी मॉडल की तर्ज पर अब इन राज्यों में आगे की सियासत का पूरा ताना-बाना बुना जा रहा है। मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार ने तो बाकायदा योगी मॉडल के तर्ज पर ही फैसले लेने शुरू भी कर दिए हैं।
पहला फैसला धार्मिक स्थलों पर बजाए जाने वाले लाउडस्पीकर और उससे होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर सख्ती के साथ लिया गया है। इसके अलावा कई और मॉडल को आगे किए जाने की योजनाएं बनाई जा रही हैं। कहा यह भी जा रहा है कि इन सभी राज्यों में कानून व्यवस्था के लिहाज से उत्तर प्रदेश सरकार में अपनाए जाने वाले सख्त मॉडल को भी आगे किया जाएगा। भाजपा के तीन राज्यों में बनी सरकार अब अपने नए मॉडल के साथ जनता से कनेक्ट बनाने के लिए तैयार हो चुकी है।
राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकारें वैसे तो डबल इंजन की सरकार के बूते आगे का अपना पूरा सफर तय करने का दावा कर रही हैं, लेकिन इन सब के बीच चर्चा इस बात की भी सबसे ज्यादा हो रही है कि इसमें योगी मॉडल को भी शामिल किया जाएगा। हालांकि उसकी शुरुआत मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कर भी दी। मध्यप्रदेश में कुछ दिनों के भीतर धार्मिक स्थलों से बजने वाले लाउडस्पीकर की संख्या कम हो जाएगी। यही नहीं मध्यप्रदेश सरकार के आदेश के मुताबिक एक लाउडस्पीकर के साथ तय मानकों में ही धार्मिक स्थलों से आवाज की जा सकेगी।
राजनीतिक जानकार बृजेंद्र शुक्ला कहते हैं कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने राज्य में यह मॉडल सबसे पहले शुरू किया था। इसके अलावा मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में धार्मिक स्थलों के तय दायरे के भीतर मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में योगी मॉडल के भीतर भी इसी का प्रावधान है। उत्तर प्रदेश में भाजपा नेता तरुण मिश्रा कहते हैं कि राज्य में योगी सरकार ने मांस की बिक्री के लिए जो कानून लागू किए हैं, वह बेहतर हैं। जैसे कि बगैर लाइसेंस और स्क्रीनिंग के कोई भी मांस की दुकान खुले में नहीं लगाई जा सकती है।
मिश्रा कहते हैं कि मध्यप्रदेश की सरकार ने भी इसी आदेश को पूरे राज्य में लगाने की योजना बनाई है। शुरुआत में भोपाल में इसे लेकर सख्ती भी बढ़ाई गई और जुर्माना भी लगाया गया। वह कहते हैं कि मिशन शक्ति के माध्यम से जिस तरीके से उत्तर प्रदेश में महिलाओं को मजबूत करने की शुरुआत की गई, वह पूरे देश में आज मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। उनका मानना है कि भाजपा शासित राज्यों में तो कम से कम इन मॉडल को अपनाया ही जाना चाहिए।