नई दिल्ली. आपने फिल्मों में कई सीरियल किलर देखे होंगे. जो अपनी सनक के चलते बड़ी बेदर्दी से लोगों की जान ले लेते हैं. लेकिन रियल लाइफ में ऐसे सीरियल किलर के बारे में शायद ही सुना होगा. आम तौर पर सीरियल किलर बड़ी उम्र के होते हैं. लेकिन आज हम आपको दुनिया के सबसे कम उम्र के सीरियल किलर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने केवल 8 साल की उम्र में कई लोगों को बेदर्दी से मार दिया. इस किलर का नाम सुनते ही लोगों में सिहरन पैदा हो जाती थी. जिस उम्र में बच्चे हंसते खेलते हैं उस उम्र में ये लोगों की जान ले रहा था.
बिहार के बेगूसराय में हुआ था जन्म
ये सीरियल किलर का नाम इतिहास में दर्ज है. बिहार के बेगूसराय जिले के एक छोटे से गांव में जन्मा ‘अमरजीत सदा’ महज 8 साल की उम्र में एक खूनी बन गया. अमरजीत को दुनिया के सबसे छोटे सीरियल किलर और बिहार में मिनी सीरियल किलर के नाम से जाना जाता है.
ऐसे शुरू हुआ सिलसिला
दुनिया के सबसे छोटे सीरियल किलर की कहानी 2007 में शुरू हुई. जब बिहार के बेगूसराय के मुसहरी गांव में एक के बाद एक दो मासूमों की हत्या हुई. पूरे गांव में दहशत फैल गई. लेकिन जब एक और बच्चे की हत्या हुई, तो सब सकते में आ गए. सब हैरान थे कि रहस्यमयी तरीके से कौन इन हत्याओं को अंजाम दे रहा है. कातिल सबके सामने था, लेकिन कोई इस बात पर यकीन नहीं कर पा रहा था.
अपनी बहन की भी की थी हत्या
द सन की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2007 में इसने कथित तौर पर अपने छह महीने की बहन की हत्या की थी. हत्या के बाद लोगों को शक हुआ कि बच्ची को किसी और ने नहीं, बल्कि अमरजीत सदा ने ही मारा है. जब ग्रामीणों ने उससे कड़ाई से पूछना शुरू किया तो उसने सबकुछ सच-सच बता दिया और कबूल किया कि उसने ही अपनी बहन को मारा है. इसके बाद तो ग्रामीणों के हाथ-पांव ही फूल गए. क्योंकि गांव में इससे पहले भी बच्चों की हत्या हुई थी.
पुलिस को बताया कि हत्या करने में आता था मजा
पुलिस ने जब अमरदीप से इन हत्याओं के पीछे की वजह पूछी, तो उसकी बातें सुन सब हैरान रह गए. उसका कहना था कि लोगों को मारने में उसे मजा आता था. इसीलिए उसने उनकी हत्या कर दी.
जुर्म कबूलने के लिए करता था अजीब मांग
रिपोर्ट के मुताबिक, पूछताछ में हर गुनाह कबूलने के बदले पुलिस से वह बिस्किट मांगता था. केस की जांच करने वाले पुलिस अफसर का कहना था कि उन्होंने इससे पहले ऐसा केस नहीं देखा था. बताया जाता है कि पुलिस की डांट का भी इस मासूम क्रिमिनल पर कोई असर नहीं पड़ता था. कोर्ट में जब इसे पेश किया गया तो जज ने ये माना कि बच्चों की हत्या करते वक्त उसे सही गलत का पता नहीं था. इसलिए उसे बाल सुधार गृह भेजा गया.