नई दिल्ली। ट्रेन में सफर कर रही एक गर्भवती महिला को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। ऐसे में महिला के साथ सफर कर रहा उसका परिवार बेहद डर गया। परिवार को समझ ही नहीं आ रहा था कि अब क्या किया जाए। ऐसे में एक मेडिकल की छात्रा देवदूत बनकर आई और नन्हे बच्चे का जन्म हुआ। ये घटना सिकंदराबाद से विशाखापत्तनम जाने वाली दूरंतो एक्सप्रेस में हुआ। डिलीवरी के बाद महिला और बच्चे को अस्पताल ले जाया गया।
गर्भवती महिला को कब प्रसव पीड़ा होगी, इसका सटीक अनुमान लगा पाना बेहद मुश्किल है। दूरंतों एक्सप्रेस में सफर कर रही महिला को अनाकापल्ली स्टेशन के पास प्रसव का दर्द शुरू हुआ, तो परिवार असहाय महसूस करने लगा। गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा की खबर पूरी बोगी में फैल गई। इत्तेफाक से इसी बोगी में एक मेडिकल की छात्रा भी यात्रा कर रही थी। छात्रा तुरंत गर्भवती महिला के पास पहुंची और चलती ट्रेन में ही डिलीवरी की तैयारी शुरू कर दी।
ट्रेन में मौजूद कई महिलाओं ने भी डिलीवरी के दौरान मेडिकल की छात्रा की मदद की। हालांकि, चलती ट्रेन में महिला की डिलीवरी करना कोई आसान काम नहीं था। इसलिए डिलीवरी के बाद सभी ने राहत की सांस ली। जच्चा-बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं। ऐसे में परिवार ने देवदूत बनकर आई मेडिकल की छात्रा का धन्यवाद दिया।
पिछले दिनों जम्मू तवी से कोलकाता जा रही एक महिला की डिलीवरी भी ट्रेन में ही करनी पड़ी थी। इस ट्रेन में गर्भवती महिला अपने दो बच्चों के साथ सफर कर रही थी। इसी दौरान उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। आमतौर पर ऐसी किसी आपात स्थिति में शख्स को अगले स्टेशन पर मौजूद अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। लेकिन ट्रेन जिस रफ्तार से चल रही थी, उससे अगला स्टेशन आसनसोल काफी दूरी पर था। ऐसे में ट्रेन में मौजूद महिलाओं ने बोगी में ही डिलीवरी कराना उचित समझा। इसके बाद जच्चा-बच्चा को आसनसोल स्टेशन पर उतारकर नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां जांच दोनों स्वस्थ पाए गए।