नई दिल्ली. अमेरिकी की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी ऐपल इंक के सिर से दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी होने का ताज छिन गया है. कंपनी के शेयरों में बुधवार को आई गिरावट की वजह से इसका बाजार पूंजीकरण घट गया है और यह दूसरे नंबर पर खिसक गई है. हालांकि, यह अभी भी अमेरिकी कंपनियों में नंबर वन बनी हुई है.

आईफोन बनाने वाली इस अमेरिकी टेक दिग्गज को सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी सऊदी अरामको ने पछाड़ा है. यह दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी है. रूस-यूक्रेन जंग की वजह के कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से सऊदी अरामको को फायदा हुआ है, जबकि टेक कंपनियों के शेयरों में हाल के दिनों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है.

ऐपल का मार्केट कैप घटा
बुधवार की क्लोजिंग के भाव पर सऊदी अरामको का मार्केट कैपिटलाइजेशन 2.42 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच गया, जबकि ऐपल की बाजार पूंजी घटकर 2.37 लाख करोड़ डॉलर रह गई. इस साल की शुरुआत में ऐपल का मार्केट कैप 3 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच गया था. उस समय अरामको ऐपल से 1 लाख करोड़ डॉलर पीछे थी. लेकिन तब से अब तक ऐपल के शेयरों में करीब 20 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. वहीं अरामको का शेयर 28 फीसदी उछला है.

अब भी नंबर 1 अमेरिकी कंपनी
जहां तक अमेरिकी कंपनियों की बात है तो ऐपल अभी भी नंबर एक है. माइक्रोसॉफ्ट 1.95 लाख करोड़ डॉलर के मार्केट कैप के साथ अमेरिकी कंपनियों में दूसरे नंबर पर है. ऐपल का पहली तिमाही (जनवरी-मार्च 2022) का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहा है. लेकिन चीन के कई शहरों में कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन और सप्लाई चेन प्रभावित होने का असर अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी के प्रदर्शन पर पड़ सकता है.

जबकि, सऊदी अरामको के शुद्ध मुनाफे में 2021 में 124 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है. 2021 में इस सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी का शुद्ध मुनाफा 110 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. यह 2020 में 49 अरब डॉलर रहा था. यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में काफी तेजी आई है. इसका फायदा अरामको को मिला है.