पुल के नीचे पूरा एफिल टॉवर (330 मीटर लंबा) और इसके नीचे लगभग 10 मंजिला ऊंची इमारत आ सकती है. चिनाब नदी पर रेलवे पुल पर चलने वाली एक छोटी ट्रेन का टेस्ट हाल ही में सफलतापूर्वक पूरा हुआ है. इस साल 13 अगस्त को दुनिया के सबसे ऊंचे सिंगल-आर्च रेलवे ब्रिज का उद्घाटन किया गया था.

बता दें कि पुल निर्माण को 2004 में मंजूरी दी गई थी लेकिन खराब मौसम की वजह से इसमें देरी हुई. कहा जाता है कि इस परियोजना को पूरा करने की कई तय समय सीमा सालों से क्रॉस हो चुकी है. यह टेक्ला नामक एक सॉफ्टवेयर द्वारा डिजाइन किया गया है.

पुल में एक उच्च श्रेणी का संरचनात्मक स्टील है जो शून्य से माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान का सामना कर सकता है. भारतीय रेल मंत्रालय ने शनिवार को पुल की कुछ शानदार तस्वीरें शेयर कीं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को पुल का निरीक्षण किया और घोषणा की कि मोटर ट्रॉली चलाने और बोलेरो अनुकूलित रेल संचालन के दो और परीक्षण होंगे.

अब तक कई सुरक्षा जांच की गई हैं. इनमें उच्च रफ्तार से चलने वाली हवाओं का परीक्षण अत्यधिक तापमान का परीक्षण, भूकंप-प्रवण परीक्षण और जल स्तर में वृद्धि के कारण हाइड्रोलॉजिकल प्रभाव शामिल हैं. दुनिया के सबसे ऊंचे पुल को इंजीनियरिंग का चमत्कार बताते हुए मंत्री ने कहा कि चिनाब पुल का काम तेजी से चल रहा है.

भारत में सबसे लंबी रेलवे सुरंग (12.75 किमी) के अलावा, यूएसबीआरएल परियोजना देश में पहले केबल-स्टे ब्रिज होने का भी दावा किया गया है, रेल मंत्री के मुताबिक सितंबर 2023 तक अंजी ब्रिज भी इस्तेमाल के लिए तैयार हो जाएगा.