मेरठ। नये गृहकर पर बुधवार को बखेड़ा हो गया। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे जीआईएस सर्वे द्वारा चिह्नित भवनों पर एक लाख से ऊपर वाले गृहकर की वसूली की नगर आयुक्त की योजना धड़ाम हो गई। राज्यमंत्री और विधायक के सवालों के जवाब नगर निगम के अधिकारी नहीं दे सके। जिस पर मंत्री-विधायक ने अधिकारियों को फटकार लगाई और निर्देश दिए कि भौतिक सत्यापन के बाद ही नया गृहकर लगाया जाए। संयुक्त व्यापार संघ अध्यक्ष ने भी निगम को चेतावनी दी कि नया गृहकर लगाया तो व्यापारी मेरठ बंद करके आंदोलन करेंगे।
गृहकर की वसूली में नगर निगम फिसड्डी है। प्रमुख सचिव नगर विकास ने वर्चुअल बैठक में मेरठ निगम अधिकारियों को फटकार लगाई थी। जिस पर नगर आयुक्त ने मंगलवार को गृहकर विभाग के अधिकारियों की बैठक ली थी और जीआईएस सर्वे द्वारा चिह्नित भवनों से गृहकर वसूली करने के लिए बिल वितरित करने के निर्देश दिए थे। जिसमें एक लाख से ऊपर वाले गृहकर बकाएदारों को बिल वितरित करने के साथ-साथ स्वकर प्रपत्र और आपत्ति करने का फॉर्म भी बांटने की बात कही थी।
बुधवार को सूरजकुंड स्थित महापौर के कैंप कार्यालय में भाजपा नेताओं और निगम अधिकारियों की बैठक हुई। राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर, विधायक अमित अग्रवाल, महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज, कमलदत्त शर्मा, नगर आयुक्त सौरभ गंगवार, अपर नगर आयुक्त पंकज कुमार, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी एसके गौतम, गृहकर विभाग के सभी अधिकारी मौजूद थे। राज्यमंत्री और विधायक ने निगम अधिकारियों से नये गृहकर की जानकारी लेनी शुरू कर दी।
राज्यमंत्री-विधायक ने भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे जीआईएस सर्वे द्वारा चिह्नित 4.49 लाख भवनों में से कितने भवनों का भौतिक सत्यापन, एक लाख से ऊपर वाले 8.50 हजार गृहकर दाता से कितना पैसा आएगा और व्यापारी से ही क्यों नया गृहकर लिया जाए, सहित ऐसे कई सवाल निगम अधिकारियों से किए हैं। एक भी सवाल का निगम अधिकारी जवाब नहीं दे सके। जनप्रतिनिधियों ने नाराजगी जताते हुए भौतिक सत्यापन के बाद ही नया गृहकर लेने की बात कही।
बैठक में मंत्री और विधायक ने अधिकारियों से पूछा कि गृहकर का 40-50 करोड़ पुराना बकाया क्यों नहीं वसूला गया। पुराना बकाया वसूलते तो शायद गृहकर वसूली में मेरठ निगम का ग्राफ भी बढ़ जाता। निगम की लापरवाही के चलते शहर का विकास नहीं हो रहा है। संयुक्त व्यापार संघ अध्यक्ष अजय गुप्ता ने कहा कि नगर निगम व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहा है। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे जीआईएस सर्वे के आधार पर जबरन गृहकर वसूलना चाहता है। व्यापारी विरोध करेंगे।
नगर आयुक्त सौरभ गंगवार का कहना कि 100 करोड़ की गृहकर वसूली करने का लक्ष्य बनाया गया है। जीआईएस सर्वे द्वारा चिह्नित भवनों को गृहकर के बिल देने के साथ-साथ उनकी आपत्ति का निस्तारण करने का योजना बनाई गई है। महापौर, राज्यमंत्री और विधायक के साथ बैठक हुई है। नये गृहकर का प्रारूप तैयार करेंगे और फिर जल्द जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक होगी। विकास कार्य के लिए गृहकर की वसूली बढ़ाना अति आवश्यक है। योजना बनाकर काम करेंगे।