नई दिल्ली. बढ़ती महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को जल्‍दी राहत म‍िलने वाली है. वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी रिपोर्ट में खरीफ की फसल की आवक के साथ अगले कुछ महीनों में महंगाई के नीचे आने की उम्‍मीद जताई गई है. इसके साथ ही र‍िपोर्ट में कारोबार में सुधार की संभावना भी जताई गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंथली इकोनॉमिक रिपोर्ट में यह बात कही है. अक्‍टूबर महीने में खुदरा महंगाई दर घटकर 6.77 प्रत‍िशत पर आ गई. यह स‍ितंबर के मुकाबले कम है. इस साल जनवरी से ही महंगाई दर र‍िजर्व बैंक के तय दायरे 2 से 6 प्रत‍िशत से बाहर चल रही है.

रिजर्व बैंक ऑफ इंड‍िया की तरफ से उम्‍मीद जताई गई क‍ि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में रिटेल महंगाई दर 6 प्रत‍िशत से नीचे आ जाएगी. स‍ितंबर के मुकाबले अक्‍टूबर में महंगाई दर कम होने से राहत म‍िली है. आगे भी ग‍िरावट जारी रहने की संभावना है. इसका कारण इंटरनेशनल कमोडिटीज की कीमत में नरमी के अलावा खरीफ फसल की मार्केट में आवक होने से महंगाई में कमी आएगी.

फाइनेंस म‍िन‍िस्‍ट्री की तरफ से कहा गया क‍ि ग्लोबल इकोनॉमी में आई ग‍िरावट से एक्सपोर्ट पर असर पड़ेगा. जारी हुए सरकारी ट्रेड के आंकड़े बताते हैं क‍ि अक्टूबर में ट्रेड डेफिसिट बढ़कर 26.91 अरब डॉलर पर पहुंच गया. यह सितंबर में 25.71 अरब डॉलर रहा था.

इकोनॉमिक रिपोर्ट के अनुसार मॉनेटरी पॉलिसी में ग‍िरावट आने से ग्लोबल ग्रोथ पर असर द‍िख रहा है. भारत में आने वाले सालों में अच्छी ग्रोथ की उम्‍मीद जताई गई है. इसके अलावा नौकरियों में इजाफा होने की भी उम्‍मीद है. कोरोना महामारी के बीच लगी पाबंद‍ियां हटने से रिटेल सेल्स में भी काफी तेजी दर्ज की जा रही है. आने वाले द‍िनों में इस सेक्‍टर में हायरिंग भी अच्‍छी होने की उम्‍मीद है.