नई दिल्ली: यदि आपके पास ब्लैकबेरी का फोन है तो ये खबर आपके लिए है क्योंकि कंपनी 4 जनवरी 2022 से अपने क्लासिक फोन का सपोर्ट बंद कर देगी. कंपनी की तरफ से इस संबंध में आधिकारिक घोषणा भी कर दी गई है. सपोर्ट सिस्टम बंद होने के बाद ये सभी फोन सिर्फ डिब्बा बनकर रह जाएंगे. दरअसल, ब्लैकबेरी ने सालों पहले अपने लोकप्रिय QWERTY कीपैड-ब्लैकबेरीओएस फोन को बनाना बंद कर दिया था, लेकिन डिवाइस में अभी भी सॉफ्टवेयर सपोर्ट दिया जा रहा था, जो कल से बंद हो जाएगा.

CNN की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने बताया है कि ब्लैकबेरी की वो क्लासिक डिवाइस जो BlackBerry 10, 7.1 OS या उससे पहले के सॉफ्टवेयर पर चलती हैं, 4 जनवरी से बंद हो जाएंगी. यानी इसके बाद आप न तो इन फोन से कॉल कर पाएंगे और न ही कोई डेटा एक्सेस कर पाएंगे. यहां तक कि फोन पर SMS और इमरजेंसी सेवाओं का इस्तेमाल भी संभव नहीं होगा. कंपनी ने सितंबर 2020 में ही इसका ऐलान कर दिया था. कंपनी ब्लैकबेरी लिमिटेड नाम से दुनिया भर के उद्यमों और सरकारों को सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर और सेवाएं प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है, ये निर्णय उसी का हिसा है.

ब्लैकबेरी (BB) 2016 के बाद से ज्यादातर फोन बिजनेस से बाहर हो गई है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से कंपनी ने एंड्रॉयड सॉफ्टवेयर पर चलने वालीं 5जी ब्लैकबेरी डिवाइस के लिए टीसीएल और सिक्योरिटी स्टार्टअप, सहित कई फोन निर्माताओं को अपने ब्रांड का लाइसेंस देना जारी रखा है. गौरतलब है कि BlackBerry फोन की लोकप्रियता आज से कुछ साल पहले तक आईफोन जैसी ही हुआ करती थी. यह फोन सिक्योरिटी और सेफ्टी फीचर्स की वजह से काफी डिमांड में था. एन्क्रिप्शन फीचर इसका सबसे खास हिस्सा थे, लेकिन एंड्रॉयड फोन की बढ़ती लोकप्रियता के बीच इसकी पहचान खो गई.

1990 के दशक के अंत और 2000 की शुरुआत में फिजिकल कीबोर्ड वाले ब्लैकबेरी के पुराने सेल फोन इतने लोकप्रिय थे कि उन्हें “क्रैकबेरीज” नाम दिया गया था. ये कीबोर्ड उन पेशेवरों को आकर्षित करता था जो डेस्कटॉप कंप्यूटर पर उपयोग की जाने वालीं कुछ डिवाइस के साथ कार्यालय के बाहर काम करने का लचीलापन चाहते थे. ब्लैकबेरी फोन स्टेटस सिंबल बन गए थे. सेलिब्रेटीज के हाथों में यही फोन नजर आता था. यहां तक कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी इसे इस्तेमाल करते थे. 2012 के दौर में ब्लैकबेरी के 80 मिलियन से ज्यादा एक्टिव यूजर्स थे, लेकिन धीरे-धीरे ये संख्या घटती गई.