बॉलीवुड सितारों और फिल्मों को चाहने वाले सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में हैं। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी भारतीय स्टार्स को खूब प्यार और सम्मान दिया जाता रहा है। हालांकि, फिलहाल पाकिस्तान के सिनेमाघरों में कोई हिंदी फिल्म नहीं दिखाई जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक वर्ष 2019 में कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द किए जाने के बाद पाक ने भारतीय फिल्मों पर रोक लगाने का फैसला किया। मगर, जिस वक्त ऐसी कोई बात नहीं थी और पाकिस्तान में भारतीय फिल्में दिखाई जाती थीं, उस दौर में भी वहां भारतीय सुपरस्टार्स की कई फिल्मों पर रोक लगाई गई। ऐसा क्यों हुआ, आइए जानते हैं…
सलमान खान की फिल्म ‘एक था टाइगर’ (2011) पर भी पाकिस्तान में प्रतिबंध लगाया गया था। मीडिया रिपार्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट्री ने इस फिल्म के कई सीन पर अपत्ति जताई थी। इसे पाकिस्तान के सेंसर ने पास नहीं किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान में सलमान खान की फिल्म ‘रेस 3’ को भी बैन कर दिया गया था।
फरहान अख्तर की फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ (2013) लोगों के बीच काफी लोकप्रिय रही। फरहान अख्तर ने इस फिल्म में मिल्खा सिंह का रोल किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान में इस फिल्म पर बैन लगा दिया गया था, क्योंकि फरहान अख्तर का एक डायलॉग था, मुझसे नहीं होगा, ‘मैं पाकिस्तान नहीं जाऊंगा।’
धनुष और सोनम कपूर की फिल्म ‘रांझणा’ (2013) को लोगों ने खूब पसंद किया था। इस फिल्म में दोनों के बीच प्रेम कहानी दिखाई गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान में इस फिल्म को बैन कर दिया गया था, क्योंकि फिल्म में सोनम कपूर ने मुस्लिम लड़की का रोल किया था। इस बात से पाकिस्तान को समस्या थी।
अक्षय कुमार ने फिल्म ‘बेबी’ (2015) में स्पाई एजेंट का रोल किया। पाकिस्तान में फिल्म ‘बेबी’ को बैन कर दिया गया था। पाकिस्तान का मानना था कि इस फिल्म में मुस्लिम का निगेटिव रोल दिखाया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अक्षय कुमार की फिल्म ‘पैडमैन’ को भी पाक में बैन किया गया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक सैफ अली खान और कटरीना कैफ अभिनीत फिल्म ‘फैंटम’ (2015) को भी पाकिस्तान में बैन कर दिया गया था। दरअसल, फिल्म ‘फैंटम’ में जमात-उद-दावा के चीफ और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का नेगेटिव रोल दिखाया गया था।