नई दिल्ली. डायबिटीज या मधुमेह आज के समय में एक आम स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है। हर घर में कोई न कोई सदस्य इस बीमारी से ग्रसित है। आमतौर पर लोग मधुमेह होने पर दवा लेते हैं। लेकिन अगर आप अपने शुगर को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित करना चाहते हैं तो आपको कुछ आयुर्वेदिक उपायों को अपनाना चाहिए।
इन उपायों में सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है गुड़ का सेवन करना। यह एक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग मधुमेह से लेकर मलेरिया तक में इस्तेमाल होता है। इसके साथ ही यह सांप के काटने तक हर चीज के लिए किया जाता है। यह गुड़ + मार दो शब्दों से बना है, गुड़ अर्थात् मीठा, मार यानी नष्ट करने वाली। तो आइए जानते हैं गुड़मार, मधुमेह रोगियों के लिए तरह से फायदेमंद है-
गुड़मार देश के मध्य, पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों के उष्णकटिबंधीय जंगलों में बेतहाशा उगने वाला एक औषधीय पौधा है। गुड़मार का सेवन करने के बाद करीब एक घंटे के लिए किसी भी मीठी चीज का गायब हो जाता है। इसे खाने के बाद व्यक्ति को गुड़ या चीनी की मिठास का अहसास नहीं होता है। इसलिए मधुमेह में इसका सेवन करना अच्छा माना जाता है।
मधुमेह में इसका सेवन विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है क्योंकि जब कोई व्यक्ति गुड़ का सेवन करता है तो उसकी चीनी या मीठे भोजन की लालसा कम हो जाती है। जब मीठे भोजन या पेय से पहले गुड़ का सेवन किया जाता है, तो यह आपके टेस्ट बड पर शुगर रिसेप्टर्स को ब्लॉक कर देता है। ऐसे लोगों को मीठा खाना पसंद नहीं आता और ऐसे में वे धीरे-धीरे मीठी चीजों का सेवन कम कर देते हैं।
इसके अलावा गुड़ इंसुलिन के स्राव और सेल रीजनरेशन में भी योगदान देता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल आसानी से संतुलित हो जाता है। गुड़मार अग्न्याशय में इंसुलिन उत्पादन को उत्तेजित कर सकता है और इंसुलिन-उत्पादक कोशिकाओं के पुनर्जनन को बढ़ावा दे सकता है। इस प्रकार, यह मधुमेह रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है।
गुड़मार का सेवन आप कई तरीकों से कर सकते हैं। आप चाहें तो रोजाना खाली पेट गुड़मार के पत्तों को चबाएं। इसके बाद अपने दिन की शुरुआत एक गिलास पानी पीकर कर सकते हैं। इसके अलावा गुड़मार बाजार में लिक्विड और पाउडर के रूप में भी उपलब्ध है। आप आयुर्वेदिक विशेषज्ञों की सलाह पर भी इसका सेवन कर सकते हैं।