लखनऊ। हाल के दिनों में ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऊपर बना एक गाना शादी बारात मुंडन और गृह प्रवेश समेत तमाम बड़े कार्यक्रमों में बजता हुआ और उस पर लोग झूमते हुए नजर आए। यह कोई पहला और आखिरी गाना नहीं है जो उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में धूम मचा रहा है। राजनीतिक पार्टियां ऐसे तमाम गाने और सोशल मीडिया के माध्यम से विशेष तबकों में पहुंच रखने वाले लोगों के न सिर्फ संपर्क में है बल्कि ऐसे टैलेंट को काम भी दिया जाने लगा है। 

बीते कुछ समय से चुनावों का माहौल सोशल मीडिया के माध्यम से भी बहुत आगे बढ़ाया जा रहा है। राजनीतिक पार्टियों से लेकर उन पार्टियों के लिए काम करने वाली टीम को सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर और नए टैलेंट को ढूंढ के लाने वालों का टास्क दिया गया है। इस माध्यम से सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी भी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी पहुंच बनाना चाह रही है। 

समाजवादी पार्टी से जुड़े ऐसे ही टास्क को पूरा करने वाले एक नेता का कहना है कि वह कुछ स्थानीय यूट्यूबर के संपर्क में है। जो अपने एक विशेष इलाके में दखल रखते हैं। उनका कहना है कि ऐसे हम दर्जनों सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स को अपने साथ जोड़ेंगे। ताकि हम अपने नेताओं से उनको मुखातिब कराकर उनके इंटरव्यूज कराकर लोगों तक पहुंचा सके। 

अपनी पार्टी की योजनाओं को उनके चैनल के माध्यम से जमीन पर उतार सके और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा सके। राजनीतिक पार्टियों की योजनाओं के मुताबिक उनको कोई मिलियन सब्सक्राइबर वाला यूट्यूब चैनल नहीं चाहिए। उनकी कोशिश है कि उत्तर प्रदेश के दूरदराज इलाकों के गांव में रहने वाले युवाओं के जो छोटे-छोटे यूट्यूब चैनल है जिनके सब्सक्राइबर दो से पचास हजार तक हैं। उनसे वह संपर्क स्थापित कर रहे हैं।

बुंदेलखंड के इलाके में अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से तमाम तरह की समस्याओं और अपनी सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने वाले हरिओम कहते हैं कि उन्होंने हाल में ही अपना एक यूट्यूब चैनल बनाया है। उनके पास दिल्ली से कुछ राजनीतिक पार्टी के लोगों ने संपर्क कर विशेष गीत और कुछ कार्यक्रम बनाने के लिए कहे हैं। 

उनका कहना है कि जल्द ही वह कुछ गाने और उस के माध्यम से व्यवस्था को दर्शाती हुई व्यंग रचनाएं संबंधित पार्टी को भेज दी जाएंगी। अगर वह पसंद आएंगी तो हम लोगों का पैसे का करार होगा और हम लोग आगे काम करेंगे। उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ रही तमाम राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का कहना है कि यह एक न सिर्फ बेहतर माध्यम है बल्कि ग्रामीण स्तर पर लोगों तक पहुंचने का एक विशेष जरिया भी है। 

उनका कहना है हालांकि हमारे कार्यकर्ता भी जमीन से जुड़े हुए हैं और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच रहे हैं लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से आप अपनी पहुंच ज्यादा कर सकते हैं।

उत्तर प्रदेश के चुनावों में हिस्सा ले रही एक राजनीतिक पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना है योजना है कि उनके बड़े और प्रभावशाली नेता ऐसे छोटे-छोटे यूट्यूब चैनल के माध्यम से अपने इंटरव्यू दे और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक उनको पहुंचाया जा सके। उनका कहना है कि ऐसे चैनलों पर दिए गए इंटरव्यू न सिर्फ लोगों से सीधे तौर पर कनेक्ट होते हैं बल्कि बताता है कि कैसे उनकी पार्टी और उनका बड़ा नेता स्थानीय स्तर के एक युवा टैलेंट के साथ खड़ा हुआ है। 

दिल्ली विश्वविद्यालय में साइकोलॉजी की प्रोफ़सर अमरिंदर कॉल कहती हैं कि पहली बात तो सोशल मीडिया और उनके इनफ्लुएंसर निश्चित तौर पर एक विशेष तबके को प्रभावित करते हैं। रही बात स्थानीय टैलेंट को अगर कोई बड़ा नेता इंटरव्यू देता है या उसके चैनल के माध्यम से अपनी बात रखता है तो यह निश्चित तौर पर लोगों को कनेक्ट करती है। वह कहते हैं कि आने वाले वक्त में भी चुनाव लड़ने और लड़ाने का जो तरीका होगा खासतौर से प्रचार के लिए वह पूरी तरीके से बदला होगा।