नई दिल्ली. सरकार की ओर से गरीब लोगों की मदद के लिए कई कदम उठाए गए हैं. वहीं सस्ते दामों पर लोगों को अनाज उपलब्ध करवाने का काम भी सरकार की ओर से किया जा रहा है. सस्ते दामों में अनाज हासिल करने के लिए सरकार की ओर से राशन कार्ड जारी किए जाते हैं. राशन कार्ड भारत में राज्य सरकारों द्वारा उन परिवारों को जारी किया जाने वाला एक आधिकारिक दस्तावेज है जिससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली से सस्ते दामों में अनाज खरीदा जा सकता है. इसके अलावा राशन कार्ड का इस्तेमाल पहचान पत्र के लिए भी किया जाता है.
हालांकि कई बार ऐसे लोग भी राशन कार्ड जारी करवा लेते हैं जो कि इसके योग्य नहीं होते हैं. ऐसे में इन अयोग्य लोगों पर सरकार कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. इसके तहत सरकार की ओर से वसूली के साथ ही केस भी किया जा सकता है. दरअसल, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकार अयोग्य राशन कार्ड धारकों और फर्जी राशन कार्ड धारकों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है.
दोनों राज्य सरकारों का मानना है कि गरीबों का उनका हक मिले और उनका हक अपात्र राशन कार्ड धारकों के जरिए मारा न जाए. ऐसे में जो अपात्र राशन कार्ड धारक गरीबों का हक मार रहे हैं उन पर सरकार की ओर से वसूली करने के साथ ही एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी. जांच में अपात्र पाए जाने पर ऐसे लोगों पर कार्रवाई हो सकती है.
हालांकि अपात्र लोग कार्रवाई से बच भी सकते हैं. दरअसल, ऐसे अपात्र लोग जो निर्धारित समयावधि में राशन कार्ड सरेंडर कर देते हैं तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. ऐसे लोग कार्रवाई से बच सकते हैं और साथ ही ऐसे लोगों का नाम और पता भी गोपनीय रखा जाएगा. वहीं फर्जी राशन कार्ड रखने वालों से वसूली की जाएगी.