नई दिल्ली. पिछले कुछ महीनों में घरेलू हिंसा शब्द काफी ट्रेंड में रहा था. कारण था जॉनी डेप -एंबर हर्ड ट्रायल जिसने पुरी दुनिया का ध्यान खींचा था. घरेलु हिंसा के शिकार अक्सर किसी से बात नहीं कर पाते हैं और डिप्रेशन में चले जाते हैं.

घरेलू हिंसा एक प्रकार का उत्पीड़न होता है. जो एक रिश्ते की नींव को हिला कर रख देता है. उत्पीड़न किसी भी प्रकार का हो सकता है. शारीरिक या मानसिक. शारीरिक शोषण में आपका पार्टनर आपके शरीर को नुकसान पहुंचाता है. वहीं मानसिक शोषण से आपकी मानसिक हालत में दिक्कत पैदा होती है.

एक्स्पर्टस ने घरेलू हिंसा के बारे में कहा है कि घरेलू हिंसा तब बढ़ती है जब कोई एक रिलेशनशिप में कन्ट्रोल करने की कोशिश करता है. घरेलू हिंसा ज्यादातर महिलाओं के साथ होती है. पर कभी कभार पुरूष भी इसका शिकार हो जाते हैं.

घरेलू हिंसा एक बड़ी समस्या है इससे कैसे निपटा जा सकता है इसके लिए हम आपको देंगे कुछ टिप्स .जो आपको ऐसे रिश्ते से बाहर आने में मदद कर सकता है .

किसी भी रिश्ते की बुनियाद इज्जत और प्यार होते हैं. ये जानने के लिए आपको पता रहना चाहिए कि क्या आपका रिश्ता अब्यूसिव है या नहीं. क्योंकि ज्यादातर घरेलू हिंसा के मामलों में महिलाएं अपने ऊपर हो रहे अब्यूस को नहीं पहचान पाती हैं.

घरेलू हिंसा भारत के ग्रामीण इलाकों की बहुत बड़ी समस्या होती है. यहां महिलाओं को अपने अधिकारों के बारे में पता नहीं होता है. अगर आप हिंसा का शिकार हो रहे हैं तो अपने लिए आवाज उठाएं. हिंसा को सहते नहीं रहे इससे लड़ें और मामले से निपटने के लिए पुलिस से मदद लें.

हिंसा का शिकार हुई महिलाएं अक्सर ऐसे केसों में डिप्रेशन में चली जाती हैं. वह बाहरी दुनिया से मेल मिलाप बढ़ाने में दूरी ही रखती हैं. इस डिप्रेशन से बाहर आने के लिए महिलाओं को सेल्फ लव करना चाहिए. जितने ज्यादा लोगों से आप मिलेंगी बात करेंगी उतना आपको बुरी यादों को भुलाने में मदद करेगा.

घरेलू हिंसा की बुरी यादों और डिप्रेशन से निपटने के लिए आप थेरेपी ले सकते हैं. थेरेपिस्ट की मदद लेना आपके लिए अच्छा हो सकता है. वे आपकी इस कंडीशन से बाहर निकलने में मदद करेंगे.

डिप्रेशन की सबसे गंदी बात रहती है कि उसमें आप लोगों से मिलना बंद कर देते हैं और लोगों से कटना शुरू कर देंते हैं. इससे आपकी परेशानी बढ़ेगी ही कम नहीं होगी. इसलिए यह जरूरी है कि आप एक नई शुरूआत करें.