नई दिल्ली. रिटायरमेंट निवेश के लिहाज से पोस्ट ऑफिस की दो स्कीम सबसे अधिक चर्चा में देखी जाती है. इनके नाम हैं पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम या POMIS और सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम या SCSS. दोनों स्कीमों में बेहतर रिटर्न के साथ-साथ टैक्स छूट का भी फायदा मिलता है. जो लोग नौकरी के दौरान इन स्कीम में पैसे निवेश करते हैं उन्हें रिटायरमेंट बाद खर्च के बारे में सोचने की जरूरत नहीं पड़ती.
वरिष्ठ नागरिकों का ध्यान हमेशा ऐसी ही बातों पर होता है कि मंथली इनकम होती रहे और खर्च आराम से चलता रहे. इसे देखते हुए पोस्ट ऑफिस की स्कीम आजमाई जा सकती है. पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम और सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम के बारे में आज जानकारी लेते हैं.
मंथली इनकम स्कीम: ये पोस्ट ऑफिस के जरिये यह भारत सरकार द्वारा संचालित सेविंग स्कीम है. इसमें निवेश से हर महीने एक निर्धारित रकम मिलती रहती है और 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट भी. अगर एक व्यक्ति खाता खुलवाता है तो अधिकतम 4.5 लाख रुपये तक सालाना तक जमा किए जा सकते हैं.
संयुक्त खाते में जमा की राशि 9 लाख तक हो सकती है. यह ऐसी स्कीम है जिस पर अधिक ब्याज दिया जाता है. अभी ब्याज दर 6.6 फीसदी की दर से मिल रही है. एक बात ध्यान रखें कि जमा राशि पर टैक्स नहीं लगता लेकिन 5 साल के मैच्योरिटी अवधि में हुई ब्याज की कमाई पर टैक्स लगता है. रिटर्न को आप सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर भी कर सकते हैं.
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम: लंबी अवधि की निवेश की ये स्कीम विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है. इसका लाभ भारत के सभी बैंकों और डाकघरों में उठाया जा सकता है. इस स्कीम में दी जाने वाली ब्याज दर नियमित जमा खातों की तुलना में अधिक होती है. अभी इसमें 7.4 फीसदी की दर से रिटर्न मिल रहा है.