नई दिल्ली. गांव के साथ-साथ शहरों में भी पशुपालन और डेयरी फार्मिंग का प्रचलन बढ़ता जा रहा है. कई युवा अपनी नौकरियां छोड़कर गांव की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में जुटे हैं. खासकर बात करें पशुपालन के बारे में गाय-भैंस के अलावा कम बजट में बेहतरीन मुनाफा कमाने के लिये बकरी पालन एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है.

बता दें कि बकरी पालन के लिये ज्यादा पैसा और ज्ञान की जरूरत नहीं होती. बस बेसिक जानकारियों के आधार पर बकरियों का ख्याल रखते हुये इस क्षेत्र में अच्छी कमाई कर सकते हैं. इसके लिये जरूरी है कि बकरियों की दमदार नस्लों का चयन किया जाये, जो विपरीत परिस्थितियों को भी झेल सकें और कम खर्च में किसानों को मालामाल बना सकें.

दुंबा बकरी
उत्तर प्रदेश में पाई जाने वाली दुंबा नस्ल की बकरी काफी डिमांड में होती है. खासकर बकरीद के समय बाजार में इस बकरी को दोगुना दाम पर खरीदने के लिये तैयार रहती है. 25 किलो वजन वाली ये बकरी 70 से 75 हजार रुपये में बिकती है. इतना ही नहीं, बाजार में इस बकरी के मेमनों की कीमत ही 30,000 रुपये होती है. इसकी खुराक भई काफी अच्छी होती है. सुबह और शाम के समय दुंबा बकरी को हरे चारे के साथ दालें और चना खिलाया जाता है. अच्छी सेहतमंद बकरी या बकरी बाजार में 1.5 लाख रुपये तक की कीमत में बिक जाती है.

उस्मानाबादी बकरी
बकरी की इस नस्ल को भी दूध और मांस के लिये पाला जाता है. ये नस्ल ज्यादातर महाराष्ट्र में पाई जाती है, जो दिन भर में डेढ़ लीटर तक दूध देती है. 32 किलो वजनी ये बकरी हर प्रकार खट्टा, मीठा और कड़वा चारा भी चबा जाती है. इसमें गजब की रोग प्रतिरोधी क्षमता मौजूद होती है.

जमुनापारी
जैसी कि नाम से ही साफ है, उत्तर प्रदेश के यमुना नदी से सटे इलाकों में जमुनापारी बकरी पाई जाती है, जो दिनभर में 2 से 2.5 ढाई लीटर तक दूध देती है. इसे ज्यादा दूध और मांस दोनों ही उद्देश्य से पाला जाता है.

बीटल बकरी
बीटल बकरी पंजाब के गुरुदासपुर, फिरोजपुर और अमृतसर केनजदीकी इलाकों में पाई जाती है, जिसे दूध और मांस उत्पादन के लिये पालते हैं. इस बकरी का वजन भी ठीक-ठीका होता है और ये 12-18 महीने में मेमने करो जन्म देती है.

सिरोही बकरी
राजस्थान के सिरोही सिरोही, अजमेर, बांसवाड़ा, राजसमंद और उदयपुर आदि इलाकों में पाई जाने वाली ये बकरी भी दूध और मांस के लिये काफी डिमांड में रहती है. 18 से 24 महीने में ये बच्चे को जन्म देती है, जिसके बाद बकरी पालन व्यवसाय को बड़े स्तर पर बढ़ाया जा सकता है.

कहां से लें ट्रेनिंग
बकरी पालन व्यवसाय से सालों-साल अच्छी आमदनी लेने के लिये जरूरी है कि खर्चों को कम किया जाये. इसके लिये सही ट्रेनिंग की जरूरत होती है. नये पशुपालक चाहें तो केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान की ऑफिशियल बेवसाइट पर जाकर अधिक जानकारी ले सकते हैं.

  • बकरी पालन प्रशिक्षण केंद्रों की जानकारी के लिये टोल फ्री नंबर- 0565- 2763320 पर भी संपर्क कर सकते हैं.
  • अपने निकटतम पशुपालन विभाग के जिला कार्यालय में संपर्क करके संबधित अधिकारी से भी प्रशिक्षण से जुड़ी जानकारी ले सकते हैं.