बिजनौर में अपर सत्र न्यायधीश (पोक्सो कोर्ट) कंचन सागर ने एक किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या करने के मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास व 50-50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। तीनों आरोपी आजीवन कारावास के तहत आखिरी सांस तक जेल में ही रहेंगे। वहीं अर्थदंड की राशि में से 50 हजार रुपये मृतका की माता को देने के भी आदेश दिए हैं।

विशेष लोक अभियोजक योगेंद्र सिंह के अनुसार थाना नांगल के एक गांव निवासी व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी भतीजी 28 नवंबर 2015 को सुबह करीब दस बजे गन्ना छीलने के लिए घर से अपने पिता के पास गई थी। जब वह खेत पर नहीं पहुंची तो उसके पिता व अन्य परिजनों ने उसकी तलाश की। तलाश करते हुए वे लोग नरपाल के खेत पर करीब साढ़े चार बजे पहुंचे। वहां उन्हें उसकी भतीजी का शव मिला। उसके गले में दुपट्टे से फांसी लगी हुई थी। उसकी क्रूरतापूर्वक हत्या की गई थी। 

वहीं पुलिस विवेचना में यह बात सामने आई कि सामूहिक दुष्कर्म के बाद भेद खुलने के डर से किशोरी की हत्या की गई थी। किशोरी की उम्र करीब साढ़े 15 साल थी। पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म व हत्या का खुलासा करते हुए थाना नांगल के गांव लालपुर मान निवासी सोनू उर्फ मोटा, अमरजीत व सचिन के खिलाफ चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी।

कोर्ट ने इस मामले में तीनों आरोपियों को किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या का दोषी पाया है। अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि उनका आजीवन कारावास समस्त जीवन काल के लिए कारावास होगा।