नई दिल्ली। निजीकरण के खिलाफ लगातार विरोध हो रहा है, लेकिन सरकार पीछे हटने का नाम नहीं ले रही है. एक के बाद एक सरकारी कंपनियां निजीकरण की तरफ बढ़ रही हैं. अब इसी क्रम में सरकार फेरो स्क्रेप निगम लिमिटेड (FSNL) को बेचने की तैयारी कर रही है.

निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, इसके लिए कई बड़े निवेशकों ने दिलचस्पी भी दिखाई है. DIPAM ने सोमवार को एक ट्वीट कर कहा कि स्टील मंत्रालय को एमएसटीसी लिमिटेड (MSTC Ltd) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड (FSNL) के स्ट्रैटेजिक विनिवेश के लिए कई अभिव्यक्तियां (EOI) मिली हैं. यानी बंपर मुनाफा देने वाली ये कंपनी बिकने के कगार पर है.

सरकार ने इसके लिए बोलियां मंगवाई थी. FSNL के निजीकरण के लिए बोलियां जमा करने की लास्ट डेट 6 जून थी. पहले यह तारीख 5 मई 2022 थी, लेकिन फिर बाद में सरकार ने इसकी तारीख को बढ़ाई थी. आपको बता दें कि सरकार ने निजीकरण से FY2023 के लिए 65,000 करोड़ रुपये का विनिवेश टारगेट तय किया है.

गौरतलब है कि सरकार ने स्ट्रैटेजिक बिक्री में एमएसटीसी लिमिटेड के जरिये एफएसएनएल में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच रही है. बता दें कि एफएसएनएल एक बंपर मुनाफे वाली मिनी रत्न कंपनी है. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने अक्टूबर 2016 में रणनीतिक विनिवेश और प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के जरिये एफएसएनएल में एमएसटीसी के माध्यम से आयोजित संपूर्ण इक्विटी शेयरधारिता के विनिवेश को मंजूरी दे दी थी. इसके बाद इसके लिए बोलियों का आमंत्रण किया गया था.

फेरो स्क्रेप निगम लिमिटेड (FSNL) भारत में मेटल स्क्रैप रिकवरी और स्लैग हैंडलिंग का काम करती है. भारत में इसका बाजार मजबूत है. कंपनी अलग-अलग स्टील प्लांट में लोहे और स्टील बनाने के दौरान पैदा स्लैग और कचरे से स्क्रैप की वसूली और प्रोसेसिंग में एक्सपर्ट है. इसके अलावा, कंपनी स्लैग यार्ड में ब्लास्ट फर्नेस और स्टील मेल्टिंग शॉप स्लैग की खुदाई, ढुलाई, मिल रिजेक्ट और रखरखाव स्क्रैप की सर्विस देती है.