नई दिल्ली। वाहन मालिक अक्सर इंश्योरेंस को लेकर उतना सचेत नहीं रहते हैं, जितना उनको रहना चाहिए। कई वाहन मालिक तो ऐसे भी हैं जो चालान से बचने के गाड़ी का इंश्योरेंस करवाते हैं, क्योंकि उन्हें इसके सही फायदा के बारे में नहीं पता होता है। इसी क्रम में इस खबर में आपको बताने जा रहे हैं इश्योरेंस क्लेम न करने की दशा में कार मालिक किस तरह और कैसे नो क्लेम बोनस का फायदा उठा सकते हैं।
नो क्लेम बोनस यानी (NCB) का फायदा कार मालिक को तब मिलता जब वह कोई भी क्लेम का दावा नहीं करता है। आसान भाषा में कहें तो, नो क्लेम बोनस इंश्योरेंस प्रीमियम पर मिलने वाला डिस्काउंट है। बीमा कंपनी की ओर से यह तब मिलता है जब बीमा की अवधि के दौरान एक बार भी राशि क्लेम न की गई हो।
आप आमतौर पर मोटरिंग के प्रत्येक दावा-मुक्त वर्ष के लिए एक वर्ष की नो क्लेम छूट देते हैं। इसलिए, यदि आप पांच साल के लिए दावा नहीं करते हैं, तो आपके पास आपकी कार बीमा की मूल लागत पर लागू होने वाली पांच साल की नो क्लेम छूट होगी।
किसी भी गाड़ी मालिक को 20 प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत तक नो क्लेम बोनस मिलता है। 50 प्रतिशत इसकी अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है। इसको ब्रेक करके आपको समझाते हैं। बता दें, जैसे-जैसे बीमा की अवधि साल दर साल बढ़ती रहती है वैसे-वैसे बोनस की राशि भी बढ़ती रहती है। पहले वर्ष में क्लेम ने करने पर 20 फीसद बोनस मिलता है, वहीं दूसरे वर्ष में क्लेम नहीं करने पर जहां 20 फीसदी बोनस मिलता है वहीं तीसरे वर्ष में यह बढ़कर 25 फीसदी, चौथे वर्ष में 35 फीसदी, पांचवे वर्ष में 45 फीसदी और छठे वर्ष में 50 फीसदी बोनस का प्रावधान है।
नो क्लेम बोनस का फायदा उठाने के लिए बीमाकर्ता को पिछले वर्ष की कार बीमा पॉलिसी के विवरण के साथ पंजीकरण स्थानांतरण फॉर्म (आरटीओ फॉर्म 29) को भरना होगा, जिसकी प्रति दिखाने के बाद आपको NCB का सर्टिफिकेट मिलता है। जब आप कोई अन्य वाहन खरीदते हैं तो स्वयं की क्षति कार बीमा प्रीमियम पर छूट प्राप्त करने के लिए यह प्रमाणपत्र दिखा सकते हैं।