मुजफ्फरनगर। श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैचों के लिए टीम इंडिया में शामिल किए गए सौरभ कुमार का पैतृक गांव बिटावदा है। रोजी रोटी और बच्चों की पढाई के लिए गांव से पहले परिवार बड़ौत और फिर मेरठ शिफ्ट हो गया था। लंबे संघर्ष, निरंतर शानदार हरफनमौला खेल प्रदर्शन की वजह से सौरभ को यह मौका मिला है। यूपी की ओर से सौरभ शतकीय पारी भी खेल चुका है। आखिरकार सौरभ की मेहनत रंग लगाई। बिटावदा से संघर्ष का सफर शुरू हुआ था। शुरूआती दिनों में परिवार गांव में रहता था, लेकिन पिता रमेश चंद दिल्ली में नौकरी करते थे। आवागमन में परेशानियों को देखते हुए परिवार बड़ौत के आजादनगर में रहने लगा। कई साल सौरभ के पिता ने बड़ौत से ही दिल्ली आवागमन किया। बड़ौत में सौरभ को क्रिकेट का चस्का लगा। परिवार के सामने खेल की इच्छा जाहिर की तो माता-पिता ने साथ दिया। होनहार के लिए ही परिवार मेरठ में बाईपास क्षेत्र में जाकर रहने लगा था।

सौरभ कुमार रणजी में कर चुका कमाल
आईपीएल की राइजिंग पुणे टीम में शामिल रहे सौरभ कुमार भले ही लेफ्ट आर्म स्पिनर हैं, लेकिन रणजी ट्रॉफी में वह दो बार शतक भी जमा चुके हैं। बड़ौदा और असम के खिलाफ शानदार बल्लेबाजी करते हुए शतक जमाया था। प्रथम श्रेणी करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 133 रन बनाए थे।

डेनियल विटोरी रहे पसंदीदा गेंदबाज
सौरभ कुमार न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान डेनियल विटोरी के मुरीद रहे हैं। टीम इंडिया की ओर से खेलने का सपना था, जो अब पूरा होने जा रहा है।

सैयद मुश्ताक अली, रणजी ट्रॉफी और दलीप ट्रॉफी में अपने प्रदर्शन से सौरभ ने सबको प्रभावित किया था।