नई दिल्ली। विराट कोहली ने टेस्ट फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ दी है। शनिवार को उन्होंने सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा की। अब वह तीनों प्रारूपों में बतौर बल्लेबाज खेलेंगे। हालांकि, अब सवाल यह उठ रहा है कि कप्तानी छोड़ने के बाद 33 साल के कोहली का करियर कितना लंबा होगा। हम आपको 10 या उससे ज्यादा टेस्ट में भारत की कप्तानी करने वाले खिलाड़ियों के पद छोड़ने के बाद वे कितने साल तक टेस्ट खेलते रहे, इस बारे में बता रहे हैं।
भारत के लिए टेस्ट की कप्तानी छोड़ने के बाद सबसे ज्यादा समय तक खेलते रहने का रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के नाम है। सचिन 1996 में टेस्ट कप्तान बने थे और साल 2000 तक कप्तानी की थी। उनकी कप्तानी में भारत ने 25 टेस्ट खेले। इसमें से चार में जीत मिली और नौ मैचों में हार का सामना करना पड़ा। 12 टेस्ट ड्रॉ रहे थे। 2000 में कप्तानी छोड़ने के बाद सचिन 2013 तक टेस्ट खेलते रहे। यानी 13 साल उन्होंने टीम का प्रतिनिधित्व किया। कप्तानी छोड़ने वक्त सचिन की उम्र 27 साल की थी, जबकि संन्यास लेते वक्त उनकी उम्र 40 साल थी।
10 से ज्यादा टेस्ट में भारत की कप्तानी करने वाले खिलाड़ियों का रिकॉर्ड (बतौर कप्तान)
खिलाड़ी मैच रन बनाए औसत 100
विराट कोहली 68 5864 54.80 20
महेंद्र सिंह धोनी 60 3454 40.63 5
सुनील गावस्कर 47 3449 50.72 11
मो. अजहरुद्दीन 47 2856 43.93 9
सौरव गांगुली 49 2561 37.66 5
मंसूर अली खान पटौदी 40 2424 34.14 5
सचिन तेंदुलकर 25 2054 51.35 7
राहुल द्रविड़ 25 1736 44.51 4
कपिल देव 34 1364 31.72 3
कपिल देव 111 विकेट भी लिए
दिलीप वेंगसरकर 10 547 42.07 2
इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर पूर्व ऑलराउंडर कपिल देव हैं। कपिल को 1983 में टेस्ट की कप्तानी सौंपी गई थी। 1987 में उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया था। इसके बाद वह 1994 तक क्रिकेट खेलते रहे। यानी कप्तानी से हटने के बाद कपिल सात साल तक क्रिकेट खेलते रहे थे। कप्तानी से हटाए जाने के वक्त कपिल 28 साल के थे और उनका करियर 35 साल की उम्र में खत्म हुआ था।
इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर भारत के मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ हैं। द्रविड़ ने पहली बार 2003 में टेस्ट में कप्तानी की थी। तब वह 30 साल के थे। 2005 में द्रविड़ रेगुलर कैप्टन बन गए थे। 2007 में द्रविड़ ने कप्तानी छोड़ दी थी। उस वक्त उनकी उम्र 34 साल थी। इसके बाद 2012 तक टेस्ट खेलते रहे थे। 2012 में उन्होंने संन्यास ले लिया था। द्रविड़ कप्तानी छोड़ने के बाद पांच साल तक टेस्ट खेलते रहे। तब उनकी उम्र 39 साल की थी।
कप्तान नहीं रहते हुए इन खिलाड़ियों का रिकॉर्ड
खिलाड़ी मैच रन बनाए औसत 100
सचिन तेंदुलकर 175 13867 54.16 44
राहुल द्रविड़ 138 11529 54.12 32
सुनील गावस्कर 78 6673 51.33 23
दिलीप वेंगसरकर 106 6321 42.14 15
सौरव गांगुली 64 4651 45.15 11
कपिल देव 97 3884 30.82 5
कपिल देव 323 विकेट भी लिए
मो. अजहरुद्दीन 52 3359 46.01 13
विराट कोहली 31 2098 41.13 7
एमएस धोनी 30 1422 33.06 1
मंसूर अली खान पटौदी 6 369 41.00 1
क टीम में बने रहने के मामले में सौरव गांगुली और दिलीप वेंगसरकर संयुक्त रूप से चौथे नंबर पर हैं। इन दोनों ने टेस्ट की कप्तानी छोड़ने के बाद लगभग तीन-तीन साल तक टीम का प्रतिनिधित्व किया। वेंगसरकर 1987 में कप्तान बने थे और 1989 में उन्होंने कप्तानी छोड़ दी थी। 31 साल की उम्र में वह कप्तान बने और 33 साल में कप्तानी छोड़ दी।
इसके बाद वह 1992 तक, यानी 36 साल की उम्र तक टेस्ट क्रिकेट खेलते रहे थे। वहीं, गांगुली साल 2000 में पहली बार टेस्ट कप्तान बने और उन्होंने 2005 तक टीम इंडिया की कप्तानी की। यानी 28 साल की उम्र में गांगुली को कप्तानी मिली थी और 33 साल की उम्र में उन्होंने कप्तानी छोड़ दी थी। इसके बाद वह 2008 तक यानी तीन और साल तक टेस्ट खेलते रहे थे। 2008 में संन्यास लेते वक्त गांगुली की उम्र 36 साल थी। गांगुली ही वह कप्तान हैं, जिनके अंदर टीम इंडिया ने विदेश में जीतना सीखा।
कप्तान कब से कब तक मैच जीते हारे ड्रॉ
विराट कोहली 2014-2022 68 40 17 11
महेंद्र सिंह धोनी 2008-2014 60 27 18 15
सौरव गांगुली 2000-2005 49 21 13 15
मोहम्मद अजहरुद्दीन 1990-1999 47 14 14 19
सुनील गावस्कर 1976-1985 47 9 8 30
महेंद्र सिंह धोनी और कोहली के आने से पहले गांगुली टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान रहे थे। विराट कोहली भी गांगुली और द्रविड़ के नक्शेकदम पर चलते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। कोहली 2014 में यानी 26 साल की उम्र में टेस्ट कप्तान बने और 2022 तक 33 साल की उम्र तक कप्तानी की। हालांकि, कप्तानी छोड़ने के बाद भी द्रविड़ और गांगुली का बल्ला खूब चला था। अब यह देखने वाली बात होगी कि कोहली कप्तानी छोड़ने के बाद गांगुली-द्रविड़ की तरह टीम को आगे बढ़ने में मदद कर पाते हैं या नहीं।
अब सबकुछ कोहली की बल्लेबाजी पर निर्भर करेगा, जो पिछले दो साल से कुछ खास नहीं रही है। विराट ने पिछला शतक नवंबर 2019 में लगाया था। इसके बाद से उन्होंने 15 टेस्ट में 28.14 की औसत से 760 रन बनाए हैं। इसमें छह अर्धशतक तो है, लेकिन कोई शतक नहीं है। उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी 79 रन की रही, जो उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन टेस्ट में खेली थी। बतौर कप्तान यह कोहली का आखिरी मैच था।
कप्तान कब से कब तक मैच जीते हारे ड्रॉ
ग्रीम स्मिथ 2003-2014 109 53 29 27
रिकी पोंटिंग 2004-2010 77 48 16 13
स्टीव वॉ 1999-2004 57 41 9 7
विराट कोहली 2014-2022 68 40 17 11
क्लाइव लॉयड 1974-1985 74 36 12 26
बात करें सुनील गावस्कर की तो 1985 में कप्तानी से हटने के बाद वे दो और साल क्रिकेट खेल पाए थे। 1987 में गावस्कर ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। वहीं, मोहम्मद अजहरुद्दीन ने नौ साल (1990-1999) तक भारतीय टीम की कप्तानी करने के बाद साल 2000 में संन्यास ले लिया था।
मंसूर अली खान पटौदी, अजीत वाडेकर, लाला अमरनाथ और एनजे कॉन्ट्रैक्टर ने तो कप्तानी छोड़ने वाले साल ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। वहीं, पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 2014 में कप्तान रहते हुए ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।