मेरठ। मेरठ में 200 साल से सदर स्थित बिल्वेश्वर नाथ मंदिर से निकाली जाने वाली भगवान जगन्नाथ की यात्रा पर कमेटियों की वर्चस्व की लड़ाई में बंदिश लगा दी गई है। जो यात्रा 1987 के दंगों में भी शहर में धूमधाम से निकाली गई थी, उसे अब मंदिर परिसर तक ही सीमित रखने का फैसला लिया गया है। इस बार शहर में यात्रा नहीं निकाली जाएगी।
इसका शहर में भारी विरोध शुरू हो गया है। जनप्रतिनिधियों ने बृहस्पतिवार को प्रशासन के साथ बैठक बुलाने की बात कही है। श्रद्धालुओं में भी रोष व्याप्त है। सात जुलाई को यात्रा निकाली जानी है। बुधवार को भगवान जगन्नाथ यात्रा कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र वर्मा और दूसरी कमेटी के अध्यक्ष विजय गोयल विज्जी ने एडीएम के साथ बैठक की। तय हुआ कि भगवान जगन्नाथ का डोला मंदिर परिसर में ही रहेगा।
रथ पर पंडित विष्णुदत्त शर्मा बैठेंगे व मंदिर परिसर में ही प्रसाद वितरण करेंगे। किसी भी व्यक्ति द्वारा कानून व्यवस्था प्रभावित की गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जबकि हर वर्ष शहर में भगवान जगन्नाथ की यात्रा निकाली जाती रही है।
शहर में विरोध के बाद निर्णय को लेकर समिति पदाधिकारियों ने भी जिला प्रशासन से पुन: विचार का अनुरोध किया। शाम को राजेंद्र वर्मा गुट ने फिर बैठक बुलाई, लेकिन दूसरा गुट शामिल नहीं हुआ। महामंडलेश्वर महेंद्र दास जी महाराज ने कहा कि मेरठ के लोगों के लिए सबसे बड़ा दुर्भाग्य होगा अगर भगवान नगर भ्रमण पर न निकलें। यह 200 साल के इतिहास में पहली बार होने जा रहा है। इसके लिए जिम्मेदार कमेटी और मंदिर प्रबंधन है।
फादर डेनियल मसीह ने कहा कि कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए ऐसा कर रहे हैं। केंद्रीय गुरुद्वारा कमेटी के पदाधिकारी रणजीत सिंह जस्सल ने कहा कि यात्रा निकलनी चाहिए। आपस में अगर कोई विरोध है तो बड़े आगे आएं और अपनी जिम्मेदारी निभाएं। गुरुनानक देव जी जगन्नाथपुरी गए थे। यात्रा आस्था से जुड़ी है। नायब शहर काजी जैनुर राशिद्दीन ने कहा कि परंपरा नहीं टूटनी चाहिए। श्रद्धा के साथ पालन किया जाना चाहिए।
राज्यसभा सदस्य लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि भगवान को मंदिर से बहार जाने से रोकने का अधिकार किसी को नहीं है। 1887 में भी मैंने पूर्ण जिम्मेदारी निभाते हुए पूरे शहर को साथ लेकर प्रभु को नगर भ्रमण कराया था। तब जिलाधिकारी राधेश्याम थे। इसके लिए आज बैठक बुलाई जाएगी।
कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने कहा कि भगवान जगन्नाथ यात्रा हमारी आस्था का विषय है। परंपरा अनुसार भगवान जगन्नाथ जी शहर में भ्रमण करेंगे। कोई इसको नहीं रोक सकता है। दोनों ही पक्ष से मैं स्वयं बात कर समस्या का समाधान कराऊंगा।
प्रशासन की ओर से कहा गया था कि रथयात्रा नहीं निकाली जाएगी। इसलिए हमने मंदिर तक डोला निकालने के लिए कहा था। एडीएम के सामने समझौते पर हस्ताक्षर भी कर दिए थे। लेकिन जनमानस के आक्रोश को देखते हुए निर्णय लिया कि रथयात्रा निकाली जाएगी। सब ही लोग भगवान का अनुसरण करेंगे। -राजेंद्र वर्मा, अध्यक्ष, भगवान जगन्नाथ यात्रा मंदिर समिति
पुजारियों के स्वभाव और उनके प्रस्ताव के चलते यात्रा अनुमति के बाद निरस्त की गई। यात्रा की पूरी तैयारी हो गई थीं। केवल मंदिर परिसर में ही भगवान को रथ पर बिठाकर भ्रमण कराया जाएगा, यह निर्णय हुआ है। गेट पर रथ से प्रसाद वितरण होगा। रथ पर केवल विष्णु दत्त शर्मा बैठेंगे। – पवन गोयल, कोषाध्यक्ष, भगवान जगन्नाथ यात्रा मंदिर समिति