कोंडागांव। आज हम आपको ऐसी दर्दनाक कहानी के बारे में बताने जा रहे है। जिसे जानकर आपके भी रोंगटे खडे हो जायेंगें। यह कहानी एक ऐसे लड़के की है, जिसने खुद को लड़की के रूप में कैसे बदला, यह जानकर आप का दिल दुखी हो जाएगा. यह कहानी है छत्तीसगढ़ के विकास राजपूत की, जिन्हें विद्या राजपूत बनने के लिए बहुत ही कठिन संघर्ष किया. आइए जानते है इस कड़े संघर्ष में विकास राजपूत ने किस तरह से खुद को विद्या राजपूत में बदला।

यह कहानी है छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के गांव में रहने वाले विकास राजपूत की है उन्होने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि उनका जन्म 1 मई 1977 को लड़के के रूप में हुआ था। विद्या ने बताया कि वह भले ही विकास राजपूत के तौर पर जन्मी थी लेकिन हमेशा से वह अपने अंदर एक लड़की को महसूस करती थी. विद्या बताती है कि जैसे-जैसे मैं बड़ी होना शुरू हुई थी, लोगों की नजरों में मेरी चाल खटकने लगी थी. विद्या बताती है कि उस समय मेरा नाम विकास था. जब भी मैं चलता था, घरवालों से लेकर मोहल्ले वाले मुझे चिढ़ाते रहते थे फिर मैंने यह बात अपने परिवार को बतानी चाहिए तो उन्होंने अनसुना कर दिया। विकास राजपूत की जिंदगी में एक दिन तो ऐसा भी आ गया था, जब वह खुद को खत्म करना चाहते थे लेकिन इतनी कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने हार नही मानी और अपना जेंडर चेंज करवाने की ठान ली।

अपनी आगे की कहानी बताते हुए विद्या कहती हैं कि जब मैंने पता किया तो पता चला कि जेंडर चेंज करवाने के लिए बहुत सारा पैसा लगता है। बचपन में ही उनके पिता की मौत हो गई थी और उनके परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी ठीक नहीं थी कि वे उसका जेंडर चेंज करवा सकें. ऐसे में विद्या ने पहले पैसे कमाने का फैसला किया और इसके लिए वह रायपुर पढ़ाई करने के लिए पहुंच गई। यहां उन्होंने कई अलग-अलग कंपनियों में काम करते हुए अपने जेंडर चेंज के लिए पैसे इकट्ठा किए और फिर इससे जुड़ी हर तरह की जानकारियां भी इकट्ठा करती रही। साल 2007 में विद्या ने जेंडर चेंज प्रोसेस शुरू करवाई. साल 2020 तक विद्या के विद्या को चार ऑपरेशन करवाने पड़े.

विद्या राजपूत आगे बताती हैं कि आज भी मुझे वह दिन याद है, जब वह अपने जेंडर चेंज के लिए ऑपरेशन थिएटर में थी। उस वक्त न तो उनके साथ कोई दोस्त था और न ही कोई परिवार का. वह बहुत ही दुख में थी लेकिन सबसे ज्यादा खुश इस बात से थी कि अब से वह वह जिंदगी जी सकेंगी, विद्या राजपूत बताती है कि ऑपरेशन के बाद मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा था. मुझे बहुत खुशी थी कि अब से मैं लड़कियों की तरह जिंदगी जी सकूंगी।

विद्या राजपूत भीगी हुई आंखों से कहती हैं कि उनकी मां को इन सब चीजों से बहुत तकलीफ होती थी. उनकी मां मानसिक रोगी हो गई थी और साल 2009 में उनका निधन हो गया था. मैंने अपनी जिंदगी में काफी परेशानियों का सामना किया है. मैंने अपने सेक्स चेंज के लिए परिवार ही नहीं पूरे समाज से लोहा लिया तब जाकर कहीं मुझे मेरी असल जिंदगी वापस मिल पाई. विद्या की मानें तो उनके परिवार ने कभी उनका साथ नहीं दिया था लेकिन अब अब उनकी बहन और उनके बच्चे उनके साथ हैं. उनका कहना है कि वह विद्या राजपूत पर गर्व महसूस करते है।