नई दिल्ली. हर साल जनवरी का महीना नई उम्‍मीदों के साथ आता है. इस दौरान यून‍ियन बजट से भी आम आदमी की उम्‍मीदें काफी बढ़ जाती हैं. ब‍िजनेसमैन से लेकर सैलडी क्‍लॉस तक और फाइनेंस एक्‍सपर्ट सबकी अपनी व‍िश ल‍िस्‍ट होती है. यह भी सही है क‍ि हमारे लॉन्‍ग टर्म गोल्‍स कम इनकम टैक्‍स और टैक्‍स सेव‍िंग से ही पूरे हो पाते हैं. बजट को लेकर सभी ने अपनी स‍िफार‍िशें की हैं. नौकरीपेशा की तरफ से सबसे बड़ी मांग पांच लाख रुपये तक की आय को टैक्‍स फ्री करने की की जा रही है. इसके अलावा आयकर की धारा 80सी के तहत न‍िवेश सीमा बढ़ाने की भी मांग की जा रही है.

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की तरफ से भेजी गई सिफारिश में पीपीएफ की सालाना जमा सीमा को डेढ़ लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये करने क‍िये जाने की सिफारिश की गई है. नौकरीपेशा के साथ ही ब‍िजनेसमैन की भी यह पसंदीदा बचत योजना है. अगर सरकार की तरफ से यह कदम उठाया जाता है तो यह गैर वेतनभोग‍ियों के ल‍िए सबसे ज्‍यादा फायदे वाली घोषणा साब‍ित होगी, क्‍योंक‍ि ऐसे लोगों के पास ईपीएफ में न‍िवेश का भी व‍िकल्‍प नहीं होता.

ICAI की तरफ से भेजे गए सुझाव में कहा गया क‍ि PPF की जमा सीमा में इजाफा क‍िया जाना जरूरी है. क्योंकि यह सुरक्षित और टैक्स अफेक्टिव बचत योजना है. आईसीएआई की तरफ से टैक्‍स पेयर्स को निवेश के लिए प्रेरित करने के लिए हाउस इंश्‍योरेंस, ट्रैवल इंश्‍योरेंस, पर्सनल एक्‍सीडेंट इंश्‍योरेंस आदि के प्रीम‍ियम पर अलग कटौती की अनुमति देने के लिए भी कहा गया है.

जब हाउस रेंट अलाउंस की बात होती है तो टैक्‍स पेयर्स को आयकर कटौती का फायदा म‍िलता है. यह फायदा मेट्रो और नॉन मेट्रो स‍िटी के बेस पर भी म‍िलता है. अब व‍िशेषज्ञों की यह भी सलाह है क‍ि मूल वेतन के 50 प्रत‍िशत महंगाई भत्‍ते का फायदा द‍िल्‍ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्‍नई के अलावा दूसरी मेट्रो स‍िटी में भी म‍िलना चाह‍िए.

पब्लिक प्रोविडेंट फंड भारत में सबसे लोकप्रिय, लंबी अवधि के निवेश विकल्पों में से एक है. यह रिटायरमेंट के बाद निवेशकों के लिए लंबे समय तक सेविंग करने की बचत योजना है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक अपने लाइफ पार्टनर के नाम पर PPF अकाउंट खोलने से निवेशक के PPF निवेश की लिमिट भी दोगुनी हो जाएगी, हालांकि तब भी इनकम टैक्स छूट की सीमा तब भी 1.5 लाख रुपये ही होगी.