मेरठ. प्रधानमंत्री की प्राथमिकता में शामिल दिल्ली -मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट के भैंसाली स्टेशन के प्रवेश द्वार की जमीन खाली करने को लेकर तीन घंटे तक बखेड़ा चलता रहा। तहसील के सामने स्थित 14 दुकानों को एक महीने पहले खाली करने को लेकर नोटिस दिया गया था। इसी को लेकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम के कर्मचारी और कैंट बोर्ड अधिकारी दोपहर 12 बजे मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने दुकान खाली करने को लेकर दुकानदारों को निर्देश दिए। लेकिन कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने मौके पर पहुंचकर दुकानदारों का समर्थन कर दिया। उन्होंने कहा कि जब तक इन लोगों के लिए अन्य किसी स्थान पर व्यवस्था नहीं की जाती तो दुकानें खाली नहीं की जाएंगी।
कैंट विधायक के पहुंचने के बाद कैंट बोर्ड सीईओ ज्योति कुमार भी पहुंच गए। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय के निर्देश पर दुकानों को खाली कराया जाना है। इसके बाद जमीन को एनसीआरटीसी को रैपिड रेल के लिए दिया जाना है। उन्होंने विधायक से कह दिया कि प्रोजेक्ट की समीक्षा प्रधानमंत्री खुद करते हैं। ऐसे में इसमें बाधा नहीं डाली जा सकती। वहीं, सीईओ ने कहा कि एनसीआरटीसी दुकानदारों के लिए एक लाख 60 हजार एकमुश्त की व्यवस्था करने के लिए कह चुका है। इसके अलावा कैंट बोर्ड भी 30 साल के लिए किसी अन्य स्थान पर दुकान देने के लिए बोर्ड में प्रस्ताव लाएगा। इस प्रक्रिया में छह महीने लग जाएंगे। इसके बाद भी अगर जमीन खाली नहीं की गई तो बुलडोजर लाकर जमीन को खाली करा दिया जाएगा।
तहसील के सामने स्थित गंगा मोटर कमेटी कार्यालय पर दो घंटे कैंट बोर्ड सीईओ, कैंट विधायक अमित अग्रवाल, एसीएम, तहसीलदार सदर रामेश्वर प्रसाद, सीओ सदर रुपाली राय के बीच वार्ता चलती रही। दुकानदार के पक्ष में कैंट विधायक अमित अग्रवाल सवाल करते रहे। अधिकारी भी रैपिड रेल प्रोजेक्ट की गति को देखते हुए दुकान खाली करने को लेकर अड़े रहे।
रैपिड रेल अधिकारियों और सीईओ ने कैंट विधायक को बताया कि इस प्रोजेक्ट में बाधा डालने से काफी नुकसान होता है। एक दिन में अगर कार्य आगे नहीं बढ़ता है तो चार करोड़ का नुकसान झेलना पड़ता है। ऐसे में इसमें बाधा डालने से बड़ा नुकसान एनसीआरटीसी को झेलना होगा।