समेकित जनजाति विकास अधिकरण रांची के सख्त रवैये से शिक्षा विभाग हरकत में है। प्री मैट्रिक छात्रवृति योजना में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। कल्याण विभाग के प्री-मैट्रिक स्कालरशिप से संबंधित डाटा एंट्री कार्यों को ले जिले के सरकारी स्कूलों में शिथिलता बरती जा रही है। स्कूल विद्यार्थियों को पंजीकृत करने और उनकी प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए उनकी जानकारी अपलोड करने में बेहद सुस्त हैं। इस संबंध में जिला कल्याण विभाग ने जिला शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को पंजीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया है।
कल्याण विभाग के अनुसार, रांची जिले में अभी तक केवल 5599 विद्यार्थियों का पंजीयन हुआ है। इनमें 3545 छात्र रांची सदर के हैं। वहीं मंदार, राहे, कांके और खलारी प्रखंड सहित चार प्रखंड ऐसे भी हैं जिनमें एक भी स्कूली छात्र का पंजीकरण नहीं हुआ है। जिले के स्कूलों ने पंजीकरण प्रक्रिया में कठिनाइयों की सूचना दी है। शिक्षकों के अनुसार स्कूलों के रिकार्ड और आधार कार्ड में विद्यार्थियों और अभिभावकों के नाम में कई बदलाव हैं। ऐसे में सिस्टम इसे खारिज कर देता है।
सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करती है। कक्षा एक से कक्षा सात में पढ़ने वाले छात्रों के लिए पारिवारिक आय की कोई सीमा नहीं है, जबकि कक्षा नौवीं से दसवीं के छात्रों के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए 2.5 लाख और पिछड़े वर्ग के लिए 1.5 लाख की निश्चित पारिवारिक आय सीमा है। ई-कल्याण पोर्टल पर छात्रों को अलग-अलग योजनाओं के तहत अलग-अलग राशि की आर्थिक सहायता दी जाती है। छात्रों को अधिकतम 25 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जा सकता है।
कक्षा एक से पांच तक में नामांकित छात्रों के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के प्रत्येक छात्र को 1500 रुपये सालाना प्रदान किया जाता है। जबकि कक्षा छह से आठवीं में नामांकित अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के छात्रों को पूरे दिन 2500 और छात्रावास में रहने वालों को सालाना 2000 रुपये मिलते हैं। कक्षा नौवीं और दसवीं में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों से संबंधित दोनों डे बार्डर और हास्टल के छात्रों को सालाना 4500
ये है प्रखंडवार स्थिति
अनगढ़ा 206,
बेड़ो 08,
बुंडू 13,
बुढ़मू 02,
चान्हो 470,
इटकी 35,
लापुंग 10,
नगड़ी 337,
नामकुम 259,
ओरमांझी 646,
रांची सदर 3545,
रातू 62,
सिल्ली 03,
सोनाहातू 02,
तमाड़ 01
अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता नसीम अहमद का कहना है कि यह पहली बार है कि स्कूलों को प्री-मैट्रिक स्कालरशिप के लिए डाटा दर्ज करने की आवश्यकता है। इस बाध्यता से स्कूलों को खासी परेशानी हो रही है। शिक्षकों में गैर शैक्षणिक कार्यों का बोझ बढ़ गया है। शिक्षक पहले से ही गैर-शिक्षण संबंधित गतिविधि की कई जिम्मेदारियों के बोझ तले दबे हुए हैं। जिस वजह से ऐसे कार्य प्रभावित होते हैं।
रांची जिला कल्याण पदाधिकारी संगीता शरण ने बताया कि हर हाल में दिसंबर तक 10 हजार से अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति राशि देने का हमारा लक्ष्य है। स्कूलों को जल्द से जल्द डाटा अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी को छात्र पंजीकरण जल्द पूरा करने के लिए कहा गया है। ताकि छात्रों को प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति का लाभ मिल सके।