सहारनपुर. जनपद के गांव मदनूकी में फतेहपुर ढोला के तीन युवकों की मौत के बाद पूरे गांव में कोहराम मचा है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतकों के घरों पर सांत्वना देने के लिए दिन भर ग्रामीणों की भीड़ लगी रही। तीनों युवकों को 15 दिन से काम नहीं मिला था। शनिवार को पेड़ काटने का काम मिला तो वह मदनूकी गए थे, लेकिन तीनों की करंट लगने से मौत हो गई।

हादसे का शिकार हुए अजय, नौशाद और सद्दाम गरीब परिवारों के सदस्य थे और सभी मजदूरी करते थे। गांव में हादसे की खबर पहुंचते ही कोहराम मच गया और ग्रामीण मृतकों के घरों की ओर दौड़ पड़े। उनके घर के बाहर ग्रामीणों की भीड़ लग गई। सभी परिजनों को ढांढस बंधा रहे थे। पूरा गांव गमगीन है।

बताया गया कि अजय दो भाइयों में छोटा था और बहन की शादी हो चुकी है। पिता गांव में सब्जी की दुकान चलाते हैं। अजय भी अपने भाई रजत के साथ पिता का हाथ बंटाने के लिए किराए पर वैन चलाया करता था। शनिवार सुबह गांव से वही वैन में मजदूरों को ले गया था। उसकी अभी तक शादी नहीं हुई थी।

नौशाद के हैं तीन छोटे बच्चे
इसी तरह मृतक नौशाद तीन भाइयों और एक बहन में सबसे बड़ा था। उसके तीन छोटे बच्चे हैं। सभी भाई मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। नौशाद की मौत से उसकी पत्नी सनव्वर और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। सद्दाम दो भाइयों और एक बहन में सबसे छोटा था। उसके भी तीन छोटे बच्चे हैं। उसकी पत्नी तैय्यबा बच्चों को सीने से लिपटकर अपने आंसू नहीं रोक पा रही है। नौशाद और सद्दाम पड़ोसी थे। दोनों के घर बिल्कुल बराबर स्थित हैं।

हमें क्या पता था कि शव बनकर आएंगे वापस
परिजनों व ग्रामीणों जाबिर राणा, डॉ. समरयाब, कंवर, आरिफ, जुबेर राणा, शौकत अली, आशीष सैनी, विजेंद्र, सुभाष, जयपाल ने बताया कि इन दिनों खेतों में फसल खड़ी है। इसके चलते पेड़ों की कटाई का काम बंद है, जिस किसान का खेत खाली हो जाता है, वही पेड़ों की कटाई कराता है। पिछले 15 दिन से काम न मिलने के चलते गांव में पापुलर कटाई करने वाले मजदूर खाली बैठे थे। शनिवार को मजदूरों को ठेकेदार गांव मदनूकी लेकर गया था। उन्हें क्या पता था कि वहां उनके बच्चों की मौत उनका इंतजार कर रही है। रो-रोककर परिजन बोल रहे थे कि हमें क्या पता था कि तीनों शव बनकर आएंगे।

तीन घंटे बाद उठने दिए शव
गांव मदनूकी के जंगल में करंट की चपेट में आकर मरे तीन युवकों के शवों को गुस्साए ग्रामीणों ने नहीं उठने दिया। ग्रामीण मुआवजे की मांग करते रहे। बाद में विधायक देवेंद्र निम ने मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों को उचित कार्रवाई और मृतकों के परिजनों को आर्थिक मदद के रूप में बिजली विभाग से पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिलवाने का आश्वासन दिया। तब जाकर तीन घंटे बाद ग्रामीणों ने शवों को उठने दिया।