नई दिल्ली । आनंद पर्वत इलाके में दर्दनाक हादसे में महिला और जुुड़वा बच्चों की आग से झुलसकर मौत हो गई। अस्पताल में भर्ती बच्ची (9) की हालत गंभीर बनी हुई है। उसे आरएमएल से सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया है। खाना बनाने के दौरान रसोई गैस सिलिंडर से गैस रिसाव होने के कारण घर में आग लग गई थी। घटना के समय महिला का पति काम पर गया था और बड़ी बेटी खाना बना रही थी। आनंद पर्वत थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि उनके आग बुझाने के बाद मौके पर दमकल पहुुंची थी।

मध्य जिला डीसीपी श्वेता चौहान ने बताया कि तीनों की शिनाख्त सुशीला (36) और मानसी (7) और मोहन (7) के रूप में हुई है। सुशीला पति राजेश और चार बच्चों मोहन, मानसी, मोनिका और महक के साथ गली नंबर-7, पंजाबी बस्ती, आनंद पर्वत इलाके में रहती थी। राजेश लारेंस रोड स्थित आटा चक्की में काम करता है। मंगलवार सुबह राजेश अपने काम पर चला गया था। सुबह करीब 9 बजे महक (13) कमरे में ही बनी रसोई में खाना बना रही थी। जबकि मां, बहन मोनिका (9) और जुड़वा भाई-बहन मानसी और मोहन सो रहे थे। इसी दौरान अचानक रसोई गैस की पाइप से गैस का रिसाव होने लगा और आग की लपटें निकलने लगीं।

खाना बना रही महक ने जोर-जोर से चिल्लाकर मां को जगाया। मां महक को कमरे से बाहर निकालने के बाद आग बुझाने की कोशिश करने लगी, लेकिन आग तेजी से कमरे में फैलती चली गई। सुशीला और उसके तीन बच्चे इसके चपेट में आ गए। शोर-शराबा सुनकर आसपास के लोग वहां पहुंचे। करीब एक घंटे तक मशक्कत के बाद लोगों ने आग बुझा दी। स्थानीय लोगों के मुताबिक तब तक दमकल भी वहां नहीं पहुंची थी।

लोग जब घर के अंदर दाखिल हुए तब बच्चों और मां के कपड़ों में आग लगी हुई थी। उन्होंने किसी तरह आग बुझाया। इस बीच पहुंची पीसीआर ने सुशीला और उसके तीन बच्चों को राममनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचाया। जहां सुशीला को मृत घोषित कर दिया गया। वहीं इलाज के दौरान उसके जुड़वां बच्चों मोहन और मानसी ने दम तोड़ दिया। बेटी मोनिका को आरएमएल से सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया है।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि दमकल एक घंटे देर से मौके पर पहुंची। शुरुआती जांच में पता चला है कि सिलिंडर के रेगुलेटर से लगे पाइप से गैस का रिसाव हुआ था। जिसकी वजह से गैस पूरे कमरे में फैली और आग लग गई। सिलिंडर में कोई विस्फोट नहीं हुआ है। पुलिस ने महिला और उसके दोनों बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम कराकर शव को परिजनों को सौंप दिया।

स्थानीय लोगों के मुताबिक महक ने अपनी मां को आग लगने की जानकारी दी तो वह सबसे पहले महक को घर से बाहर निकला। इस बीच आग तेजी से फैलती चली गई। सुशीला बिस्तर पर सो रहे बच्चों को उठाने लगी। लेकिन इस दौरान कमरे में धुआं भर गया। वह और उसके बच्चे धुएं के चपेट में आकर बेहोश हो गए। स्थानीय लोग जब आग बुझाकर वहां पहुंचे तो सभी अचेत और झुलसे हुए थे, उनके कपड़ों में आग लगी थी।

पत्नी और बच्चों के शव को देखकर राजेश का रो-रोकर बुुरा हाल है। राजेश बीच-बीच में बेहोश हो गया। उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया। करीब आधे घंटे बाद होश में आने के बाद वह फिर से रोने लगा और बार बार यही कहता रहा कि काश मैं भी बच्चों के साथ मर जाता। सिद्धार्थ नगर के गांव खेड़ा बाजार निवासी राजेश पिछले 15 साल के से दिल्ली के आनंद पर्वत इलाके में परिवार के साथ एक कमरे में रहता था।

आनंद पर्वत इलाके में संकरी गलियों में घर बने हुए हैं। अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल की दो गाड़ियां मौके के लिए रवाना कर दिया गया। लेकिन जिस जगह पर आग लगी थी वहां संकरी गलियां हैं और वहां तक पहुंचने में दमकल की गाड़ियों को समय लग गया।

दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग का कहना है कि एलपीजी सिलिंडर के इस्तेमाल के दौरान सतर्कता बरतने की जरूरत है। घर में गैस की हल्की बदबू आने पर तुरंत इसकी शिकायत करनी चाहिए। साथ ही सिलिंडर को तुरंत घर से बाहर ले जाना चाहिए। इस दौरान कोई भी बिजली का बटन ऑन नहीं करना चाहिए। रसोई घर में इस्तेमाल होने वाले चूल्हे की समय समय पर सर्विस करानी चाहिए। सफाई के दौरान सिलिंडर से जुड़े पाइप की जांच करनी चाहिए। पाइप में कट होने पर उसे तुरंत बदल देना चाहिए।