मेरठ। सपा प्रत्याशी फाइनल होते ही मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट का चुनावी रण तैयार हो गया है। प्रमुख दलों में भाजपा में जहां दिग्गजों को पीछे छोड़ते हुए अभिनेता अरुण गोविल ने टिकट में बाजी मारी थी। सपा-कांग्रेस गठबंधन की प्रत्याशी पूर्व महापौर सुनीता वर्मा हैं, जबकि बसपा के प्रत्याशी देवव्रत त्यागी हैं।

मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें (किठौर, मेरठ कैंट, मेरठ सिटी, मेरठ साउथ और हापुड़) आती हैं। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने तीन सीटों पर कब्जा जमाया था, जबकि दो सीटों पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा। 2019 के लोकसभा चुनाव के इतर 2022 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी और सपा का गठबंधन नहीं हो सका था। 2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो बेहद कड़ा मुकाबला हुआ था।
भाजपा के राजेंद्र अग्रवाल ने पांच लाख 86 हजार 184 वोट हासिल किए। वहीं, बहुजन समाज पार्टी के हाजी याकूब कुरैशी को पांच लाख 81 हजार 455 वोट मिले। दोनों के बीच अंत तक कड़ा मुकाबला रहा और जीत आखिरकार राजेंद्र अग्रवाल के खाते में गई। राजेंद्र अग्रवाल ने महज 4,729 मतों के अंतर से चुनाव जीता। कांग्रेस के हरेंद्र अग्रवाल तीसरे नंबर पर रहे।

सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो 1991 से लेकर अब तक आठ चुनाव में छह बार भाजपा को जीत मिली है। 1991, 1996 और 1998 में भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली। 1996 और 1998 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर अमर पाल सिंह विजयी हुए। लगातार जीत का सिलसिला 1999 में जाकर टूट गया जब कांग्रेस के अवतार सिंह भड़ाना चुनाव जीते थे।

2004 के संसदीय चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने शाहिद अखलाक के दम पर चुनाव जीत लिया। फिर इसके बाद यहां पर भाजपा ने जीत हासिल करने का जो सिलसिला शुरू किया उसे कोई भी दल रोक नहीं सका है। 2009 के चुनाव में राजेंद्र अग्रवाल ने 47,146 मतों के अंतर के साथ भाजपा के लिए जीत हासिल की। 2014 में मोदी लहर में राजेंद्र अग्रवाल ने बाजी मारी थी। 2019 के चुनाव में मतदाता संख्या 18 लाख 17 हजार 780 थी, जिसमें पुरुष मतदाता की संख्या नौ लाख 97 हजार 181 थी तो महिला मतदाता की संख्या आठ लाख 20 हज़ार 475 थी। इनमें से कुल मतदाता 12 लाख 16 हजार 413 (67.3) फीसदी ने वोट डाले। चुनाव में नोटा के पक्ष में 6,316 वोट पड़े थे। इस बार 19 लाख 87 हजार 311 मतदाता हैं।