शामली। सीतापुर जिले की बिस्वा चीनी मिल से तीन मेगावाट की एक टरबाइन आज सुबह अपर दोआब चीनी मिल शामली में पहुंच गई है। इस टरबाइन के स्थापित होने में पांच दिन का समय लगेगा। इसके बाद चीनी मिल अपनी 60-65 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई कर सकेगी।
गत 29 नवंबर को अपर दोआब चीनी मिल में तीन मेगावाट टरबाइन की स्टीम ज्वाइंट फटने से क्षतिग्रस्त हो गई थी। टरबाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण शामली चीनी मिल की पेराई क्षमता 41 से 45 हजार क्विंटल पर चल रही है। टरबाइन क्षतिग्रस्त होने के बाद मिल के इंजीनियरों की टीम पुुुरानी टरबाइन खरीदने के लिए जुट गया था। शामली चीनी मिलों के इंजीनियरों की भागदौड़ के बाद गत शनिवार को सीतापुर जिले की बिस्वा चीनी मिल की टरबाइन शामली चीनी मिल की टरबाइन से मैच मिल गया था। इसके बाद से शामली चीनी मिल के अफसरों ने सीतापुुुर जिले की बिस्वा चीनी मिल से तीन मेगावाट की टरबाइन खरीदने की प्रक्रिया शुरु कर दी थी।
बुधवार को बिस्वा चीनी मिल से तीन मेगावाट की टरबाइन अपर दोआब चीनी मिल शामली में पहुंच गई है। शामली चीनी मिल के यूनिट हैड प्रदीप सल्लार, गन्ना महाप्रबंधक सुशील खोखर, उपमहाप्रबंधक कर्णपाल सिंह सरोहा, एजीएम दीपक राणा, डीसीओ विजय बहादुर सिंह ने आदि ने मौके पर पहुंचकर बिस्वा से आई टरबाइन का निरीक्षण किया। डीसीओ विजय बहादुर सिंह ने बताया कि चीनी मिल के अफसरों ने अगले पांच दिन में टरबाइन स्थापित करना बताया है। इसके बाद मिल अपनी 60-65 हजार क्विंटल प्रतिदिन की क्षमता तक पहुंच जाएगी।