आगरा। ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा का जिम्मा रखने वाले रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) के दारोगा और सिपाही अपहरण कर फिरौती वसूलने वाले गैंग की तरह काम कर रहे थे। मलपुरा क्षेत्र के अभयपुरा गांव से सोमवार देर रात उन्होंने घर में घुसकर जीजा-साले का अपहरण कर लिया। इसके बाद व्हाट्सएप काल करके चार लाख रुपये की फिरौती मांगी। मामला पुलिस आयुक्त डा. प्रीतिंदर सिंह तक पहुंचा तो उन्होंने पुलिस टीम लगा दीं। दो घंटे में पुलिस ने रंगे हाथ दारोगा और दो सिपाहियों को गिरफ्तार कर लिया। उनके साथियों की तलाश की जा रही है। इस मामले में आरपीएफ इंस्पेक्टर और तीनों आरोपितों को निलंबित कर दिया गया है।

मूलरूप से जलेसर निवासी कासिम तीन वर्ष से परिवार के साथ मलपुरा क्षेत्र के अभयपुरा में रहता है। वह फेरी लगाकर कपड़ा बेचता है। दो दिन पहले उसके घर अलीगढ़ के चंदौस में रामपुर शाहपुर निवासी जीजा इकरार भी आया था।सोमवार रात को दोनों घर में थे। कासिम के भाई साजिम ने बताया कि रात एक बजे सफेद रंग की बोलेरो गाड़ी से पांच लोग पहुंचे। इनमें चार लोग वर्दी पहने थे। चारों मारपीट कर कासिम और इकरार को उठाकर ले गए।

मंगलवार को उन्होंने साजिम को कासिम के मोबाइल से व्हाट्सएप काल की और छोड़ने के एवज में चार लाख रुपये मांगे। किसी तरह 12 हजार रुपये का इंतजाम करके साजिम उनके द्वारा बताए गए स्थान कैंट पुल के नीचे पहुंचे। वहां पुलिस की वर्दी पहने युवक मिले। साजिम ने 12 हजा रुपये देकर हाज जोड़कर छोड़ने को कहा, लेकिन वे तैयार नहीं हुए। साजिम ने वहां से वापस अाकर रुपये का इंतजाम करने की कोशिश की, लेकिन इंतजाम नहीं हो सका।

आरोपितों ने दोबारा उसके मोबाइल पर व्हाट्सएप काल की और कहा कि दो लाख रुपये नहीं मिले तो वे उसके भाई और जीजा को मार देंगे। भाई और जीजा को छुड़ाने का कोई रास्ता न देखकर मंगलवार दोपहर दो बजे साजिम मलपुरा थाने पहुंचा और एसओ मलपुरा को पूरी घटना बताई। इसके बाद पुलिस आयुक्त डा. प्रीतिंदर सिंह को जानकारी हुई। उन्होंने डीसीपी पश्चिम सत्यजीत गुप्ता को कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने आपरेशन शुरू कर दिया। साजिम ने आरोपितों से कह दिया कि उसने इंतजाम कर लिया है। इसके बाद वर्दीधारियों ने उसे रुपये लेने के लिए शमसाबाद रोड पर अमर होटल के पास बुलाया। वहां पुलिस ने पहले से ही घेराबंदी कर ली थी।

पुलिस आयुक्त डा. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि शमसाबाद रोड पर मंगलवार शाम को आरोपित फिरौती के रुपये लेने पहुंचे थे। उन्होंने जैसे ही रुपये से भरा बैग साजिम के हाथ से लिया, तभी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार आरोपितों में राजस्थान के हरमड़ा थाना क्षेत्र के गांव चकजीत पुर निवासी आरपीएफ के दारोगा सुरेश, पिढ़ौरा के राटौटी गांव निवासी पारुल यादव और सिकंदरा के जऊपुरा निवासी नीरज सिंह शामिल हैं।

तीनों आरोपित आगरा कैंट आरपीएफ थाने में तैनात हैं। काल करने के लिए प्रयोग किया गया मोबाइल, अपहरण में प्रयुक्त गाड़ी और फिरौती में लिए गए 12 हजार रुपये बरामद कर लिए गए हैं। वरिष्ठ मंडलीय सुरक्षा आयुक्त आरपीएफ अनुभव जैन ने बताया कि इंस्पेक्टर कैंट सुरेंद्र चौधरी और घटना में शामिल दारोगा व दो सिपाही निलंबित कर दिए गए हैं। इनके विरुद्ध विभागीय जांच सहायक सुरक्षा आयुक्त डीके चौहान को दी गई है।