मेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के टेस स्पेस्क्राफ्ट (TESS Spacecraft) ने दो एक्सोप्लैनेट की खोज की है. जहां पर जीवन की संभावना है. भविष्य में वहां इंसान रह सकते हैं. क्योंकि ये दोनों ही ग्रह अपने तारे से इतनी अच्छी दूरी पर रह रहे हैं कि उनपर जीवन पनप सके. (सभी फोटोः NASA)

ये दोनों ही ग्रह सुपर अर्थ (Super Earth) हैं. यानी दोनों ही आकार में धरती से बड़े हैं. टेस स्पेसक्राफ्ट यानी ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट ने जब हमारे सौर मंडल से 137 प्रकाश वर्ष दूर रेड ड्वार्फ स्टार यानी सूरज जैसे तारे TOI-2095 की तरफ देखा तो हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आईं.

ये स्पेस्क्राफ्ट रोशनी के कम-ज्यादा होने के आधार पर ग्रहों और तारों की खोज करता है. क्योंकि हर ग्रह और तारा या तो रोशनी छोड़ता है, या उसे रिसीव करता है. TOI-2095 ब्रह्मांड के सबसे बड़े तारों की फैमिली से आता है. यह हमारे सूरज से ठंडा है. लेकिन काफी रेडिएशन, अल्ट्रावायलेट और एक्स-रे तरंगें निकाल रहा है.

TOI-2095 से निकल रही रेडिएशन से पास मौजूद ग्रहों का वायुमंडल खत्म हो सकता है. लेकिन हम जिन दो ग्रहों की बात कर रहे हैं, वो इतनी अच्छी दूरी पर हैं कि उनका वायुमंडल बना हुआ है. उम्मीद जताई जा रही है कि वहां पर पानी भी है, जैसे धरती पर है. यानी भविष्य में इन दोनों ग्रहों पर इंसानों की बस्ती बनाई जा सकती है.

इन दोनों ग्रहों का नाम है TOI-2095b और TOI-2095c. फिलहाल इनकी और स्टडी की जा रही है. TOI-2095b की अपने तारे से दूरी धरती से सूर्य की दूरी एक दसवां हिस्सा है. लेकिन तारा सूर्य से ठंडा है, इसलिए पास वाले ग्रह में जीवन पनप सकता है. यह ग्रह हमारी धरती से 1.39 गुना चौड़ा है. लेकिन धरती से 4.1 गुना ज्यादा वजन है. यह ग्रह अपने तारे का एक चक्कर धरती के 17.7 दिन में पूरा करता है.

दूसरा ग्रह TOI-2095c अपने सूरज से थोड़ा दूर है. इसका एक दिन हमारे 28.2 दिन के बराबर है. यानी उस ग्रह का 24 घंटा हमारी धरती के 28.2 दिन के बराबर है. यह हमारी धरती से 1.33 गुना बड़ा है. वजन 7.5 गुना ज्यादा है. दोनों ग्रहों के सतह की तापमान 24 से 74 डिग्री सेल्सियस के बीच है.

स्पेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ला लगुना के एस्ट्रोनॉमर फेलिप मुर्गास कहते हैं कि इन दोनों ग्रहों की हम और स्टडी कर रहे हैं. इनके बारे में शुरुआती जांच से पता चला है कि यहां पर जीवन संभव है. इसलिए हम और खोजबीन कर रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिल सके. क्योंकि हमारा टेस स्पेसक्राफ्ट काफी ताकतवर है. वह काफी बेहतरीन डेटा हमें भेज रहा है.

अप्रैल 2018 में टेस को लॉन्च किया गया था. अब तक 330 एलियन दुनिया की पुष्टि हो चुकी है. जबकि, 6400 बाहरी ग्रह अब भी इस सूची में शामिल होने का इंतजार कर रहे हैं. अब वैज्ञानिक इन ग्रहों की घूमने की गति का पता कर रहे हैं. साथ ही उसके वायुमंडल की जांच कर रहे हैं कि वहां पर कौन-कौन से गैस मौजूद हैं.

घूमने की गति से पता चलता है कि ये ग्रह अपने सौर मंडल में रहेंगे या नहीं. अपने तारे के आसपास टिकेंगे या नहीं. पता चला अपने सौर मंडल या तारे से बाहर निकल गए तो वहां पर जीवन की संभावना कम हो जाती है. इसलिए उनपर नजर रखना जरूरी है. v