नई दिल्ली. दिल्ली के पेट्रोल पम्पों पर पेट्रोल की वाष्प के कारण हवा में जहर घुल रहा था. इसे लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्देश पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने पेट्रोल पंपों के लिए 7 जनवरी 2020 को गाइडलाइन जारी की थी. इसके तहत पेट्रोल पम्पों पर वेपर रिकवरी सिस्टम लगाने के लिए कहा गया था ताकि पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को रोका जा सके. खबर के अनुसार दिल्ली के सभी 396 पेट्रोल पम्पों पर यह काम पूरा हो गया है. यानी की अब दिल्ली में पेट्रोल से उत्पन्न होने वाली वाष्प से हवा में जहर नहीं घुलेगा.
विशेषज्ञों के अनुसार पेट्रोल की वाष्प में कई तरह के हानिकारक तत्व होते हैं. ये तत्व स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए नुकसानदेय होते हैं. दरअसल पेट्रोल और डीजल को टैंकर में लेकर आने और पम्प के स्टोरेज में डालने के दौरान वाष्प निकलकर वातावरण में घुल जाती है. इस वाष्प में वोलेटाइल आॅर्गेनिक कम्पाउंड यानी वीओसी मौजूद होते हैं. इस कारण से एनवार्यमेंट में ओजोन कणें की मात्रा बढ़ जाती है. इस कारण से स्मॉग भी बनता है.
इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए दो साल पहले दिल्ली के सभी पेट्रोल पम्पों पर वेपर रिकवरी सिस्टम लगाने की कवायद शुरू की गई थी. अब जब यह काम पूरा हो चुका है तो आने वाले दिनों में पर्यावरण को बचाने में काफी मदद मिलेगी.
बता दें कि हवा के सम्पर्क में आने से पेट्रोल और डीजल वाष्प बनकर उड़ने लगते हैं. दरअसल पेट्रोल और डीजल टाक्सिक हाइड्रोकार्बन से बनते हैं. इनमें बेंजीन जैसी गैस भी होती है, जिसे कैंसर कारक माना जाता है. हवा में घुलने-मिलने के साथ ही यह सांस के साथ शरीर में चला जाता है और नुकसान पहुंचाता है. वेपर रिवकरी सिस्टम के जरिए पेट्रोल को स्टोरेज टैंक में और वाहनों में डालने के दौरान उड़ने वाली वाष्प को एकत्रित कर लिया जाता है. साथ ही नोजल को भी इस तरह डिजाइन किया जाता है ताकि पेट्रोल हवा के सम्पर्क में ना आए.