भाजपा के खिलाफ चुनाव लडऩे के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में विपक्ष के मजबूत गठजोड़ की तैयारी में है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रालोद मुख्य सहयोगी रहेगा, जिसके साथ सीटों के बंटवारे का गणित उलझा हुआ है। मेरठ में सात दिसंबर को होने वाली संयुक्त रैली से पहले समीकरण साफ करने की जद्दोजहद चल रही है। रालोद के नया दांव चला है। जिले की चरथावल सीट अगर सपा के हिस्से में जाती है तो रालोद बुढ़ाना, सदर, खतौली और सुरक्षित सीट पुरकाजी पर दावेदारी करेगा। सबसे अहम बात यह है कि अभी तक रालोद सदर और खतौली सीट लेने से पीछे हट रहा था। लेकिन अगर रालोद को चरथावल सीट मिलती है तो दावा सिर्फ बुढ़ाना, चरथावल और पुरकाजी में ही सिमट जाएगा। उधर, सपा के रणनीतिकार भी शीर्ष नेतृत्व को अपना गणित समझा रहे हैं। सपा का सबसे मजबूत दावा चरथावल और मीरापुर सीट पर है। साथ ही सदर सीट के लिए भी जद्दोजहद है।
दो सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार
चरथावल से अगर पूर्व विधायक पंकज मलिक ने चुनाव लड़ा तो खतौली से मुस्लिम उम्मीदवार का विकल्प खुल सकता है। गठबंधन की मंशा है कि थानाभवन सहित दो सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरने की है।
रालोद के सिंबल पर उतरेंगे सपा प्रत्याशी
रालोद को अगर गठबंधन में सीटें ज्यादा भी मिल गई तो प्रत्याशी सपा के लड़ाने होंगे। सपा नेतृत्व का प्रयास है कि मुजफ्फरनगर में कम से कम चार प्रत्याशी सपा के चुनाव मैदान में उतरे। इनमें मीरापुर सीट से चंदन चौहान का दावा मजबूत माना जा रहा है। हालांकि दोनों दलों के स्थानीय नेता शीर्ष नेतृत्व के सामने अपने-अपने तर्क रख रहे हैं।
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