लखनऊ।   सिपाही सीधी भर्ती की लिखित परीक्षा का पहला दिन उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा कराए गए पुख्ता सुरक्षा बंदोबस्त और व्यवस्थाओं की वजह से बिना किसी गड़बड़ी के संपन्न हुआ। हालांकि सोशल मीडिया पर पेपर बेचने के नाम पर अभ्यर्थियों को झांसा देकर उगाही करने के मामले पुलिस के लिए मुसीबत बने हुए हैं।

हकीकत यह है कि भर्ती बोर्ड ने परीक्षा की शुचिता को बरकरार रखने के लिए प्रश्न पत्रों के कई सेट तैयार कराए हैं। परीक्षा में किस दिन प्रश्न पत्र को कौन सा सेट वितरित किया जाएगा, इसकी जानकारी अंतिम समय तक अफसरों को भी नहीं होगी।

भर्ती बोर्ड के सूत्रों की मानें तो 5 दिन 10 पालियों में होने वाली परीक्षा के लिए करीब 20 सेट प्रश्न पत्र तैयार किए गए हैं। परीक्षा के दिन रैंडम आधार पर तय किया जाता है कि कौन से पेपर वितरित किया जाना है।

प्रश्न पत्रों के कई सेट होने की वजह से उनके कठिन और सरल होने को लेकर भी सवाल उठ सकते हैं, लिहाजा बोर्ड इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय किए गये फॉर्मूले के आधार पर अंक देगा। यह फॉर्मूला सिविल सर्विसेज की प्रतियोगी परीक्षाओं में भी लागू किया जाता है। भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष डीजी राजीव कृष्णा ने अभ्यर्थियों से अपील की है कि वह पेपर खरीदने-बेचने वालों के झांसे में नहीं आएं। ऐसे कृत्य करने वालों को चिन्हित कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

बता दें कि पेपर बेचने का झांसा देने वालों के खिलाफ एसटीएफ को जांच दी गयी है। एसटीएफ की टीमें लगातार सुरागरसी में जुटी हैं। इस मामले में राजधानी के हजरतगंज कोतवाली में एक मुकदमा भी दर्ज कराया जा चुका है। डिजिटल तरीके से पैसा लेने वाले ठगों के अलावा वहीं जिन अभ्यर्थियों ने क्यूआर कोड पर भुगतान किया है, उन्हें भी तलाशा जा रहा है।

इन बातों का रखें ध्यान
– किसी भी संदिग्ध व्हाट्सएस एवं टेलीग्राम ग्रुप अथवा चैनल से नहीं जुड़े
– पेपर लीक करने वालों से संपर्क नहीं साधे, ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई होगी
– ऐसे व्यक्तियों के द्वारा संपर्क किए जाने पर तत्काल पुलिस को सूचना दें
– लालच में आकर क्यूआर कोड पर कोई भी भुगतान नहीं करें
– अपना एडमिट कार्ड और शैक्षणिक दस्तावेज किसी से साझा नहीं करें
– परीक्षा से संबंधित कोई भी जानकारी किसी भी अंजान व्यक्ति को नहीं दें