लखीमपुर खीरी. यूपी में हाथरस कांड के ठीक 2 साल बाद अब लखीमपुर खीरी जिले के निघासन में बुधवार को दो नाबालिग दलित बहनों के शव पेड़ से लटके मिले हैं. परिवार का आरोप है कि अपहरण के बाद बच्चियों की हत्या की गई और शव पेड़ से लटका दिया गया. पेड़ पर दोनों बहनों का शव लटका देखकर गांव वाले भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया. लोग सड़क पर बैठ गए और जाम लगा दिया.

इस दौरान उनकी पुलिस से कहासुनी भी हो गई. पुलिस ने पीड़ित की मां की शिकायत के आधार पर मुख्य आरोपी समेत बाकी 6 आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया है. इन आरोपियों पर रेप, मर्डर और पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज किया गया है. इन आरोपियों की पहचान मुख्य आरोपी छोटू, जुनैद, सुहैल, हफ़ीज़ुल, आरिफ़, करीमुद्दीन के तौर पर हुई है. घरवालों का आरोप है कि आरोपी बाइक पर आए थे और दोनों बहनों को घर से अगवा करके ले गए.

इस मामले में पुलिस ने दावा किया कि मृतक लड़कियां आरोपियों को पहले से जानती थीं. आरोपियों ने उन्हें बहलाया-फुसलाया, जिसके बाद वह अपनी मर्जी से उनके साथ गई थीं. लड़कियों ने उन पर शादी का दबाव डाला था फिर लड़कियों की गला दबाकर हत्या कर दी गई. मुख्य आरोपी छोटू को गिरफ्तार कर लिया गया है. छोटू ने ही लड़कियों की आरोपी से दोस्ती कराई थी. हत्या के वक्त छोटू मौजूद नहीं था. दोनों लड़कियों का पोस्टमॉर्टम शुरू हो गया है, जिसके बाद ही हत्या की असली वजह सामने आएगी.

इस केस में अब सियासी रंग भी चढ़ने लगा है. पहले समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना को हाथरस की पुनरावृत्ति बताया. इसके बाद प्रियंका गांधी और संजय सिंह ने भी सवाल खड़े किए हैं. जबकि राहुल ने भी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल ने कहा कि रेपिस्ट को छुड़ाने वालों से उम्मीद नहीं है. लखीमपुर में दिन-दहाड़े, दो नाबालिग दलित बहनों के अपहरण के बाद उनकी हत्या, बेहद विचलित करने वाली घटना है. बलात्कारियों को रिहा करवाने और उनका सम्मान करने वालों से महिला सुरक्षा की उम्मीद की भी नहीं जा सकती. हमें अपनी बहनों-बच्चियों के लिए देश में एक सुरक्षित माहौल बनाना ही होगा.