चंडीगढ़. यूपी के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के रोपड़ जेल में दो साल से अधिक समय तक विवादास्पद प्रवास की आप सरकार जांच कराएगी. जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बजट सत्र में जानकारी दी है कि अंसारी के खिलाफ एफआईआर 2019 में दर्ज की गई थी ताकि वह पंजाब में आराम से रह सके. उन्होंने कहा कि वह 25 व्यक्तियों के लिए बने बैरक में अकेला रहता था. उसे हर तरह का वीआईपी ट्रीटमेंट मिला और उसकी पत्नी, जो उस दौरान रोपड़ में रह रही थी, आकर उसके साथ पूरे दिन जेल में रहती थी. बताया जा रहा है कि इस मामले में उसके ठहरने में मदद करने वालों के खिलाफ भी पुलिस जल्द एफआईआर दर्ज कर सकती है.

सरकार के सूत्रों ने कहा कि इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग करने वाली फाइल पहले ही जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस द्वारा मुख्यमंत्री भगवंत मान को मंजूरी के लिए भेजी जा चुकी है. फाइल में उल्लेख है कि रोपड़ में अंसारी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के तहत अदालत में कोई चालान पेश नहीं किया गया. साथ ही, अंसारी ने कभी जमानत के लिए आवेदन नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही उन्हें वापस यूपी भेजा गया था. जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सदन में कहा कि क्या यह अजीब नहीं है कि उस व्यक्ति को एक प्राथमिकी पर यहां लाया जाता है, जो नकली है? यह ऐसे समय में किया गया था जब उसे उत्तर प्रदेश में अन्य मामलों में मुकदमे का सामना करना पड़ा था.

बैंस ने आगे कहा कि सरकार अब जांच करेगी कि उन्हें किसके निर्देश पर रोपड़ जेल लाया गया था. उन्होंने कहा कि हम इस बात की भी जांच करेंगे कि यहां उसके खिलाफ रंगदारी का मामला कैसे दर्ज किया गया. उस दौरान यूपी पुलिस ने उसकी हिरासत को सुरक्षित करने के लिए पंजाब को 20 प्रोडक्शन वारंट भेजे, लेकिन उन्हें उसकी हिरासत से इनकार कर दिया गया क्योंकि राज्य सरकार कहती रही कि वह अस्वस्थ था. आखिरकार यूपी पुलिस ने उसकी हिरासत की मांग के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक रिट दायर की. राज्य सरकार ने उसका बचाव करने के लिए एक हाई प्रोफाइल वकील को काम पर रखा था और वकील को 55 लाख रुपये की अदायगी की.