पेशावर. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अमेरिका द्वारा कथित तौर पर धमकी भरा पत्र मिलने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में इमरान की पार्टी पीटीआई ने अमेरिका विरोधी रैलियां निकाली। लंबे अरसे बाद अमेरिका का पाकिस्तान में इस तरह विरोध हो रहा है।

ये रैलियां चौंकाने वाली इसलिए है कि क्योंकि इन्हें कोई इस्लामी दल नहीं बल्कि खुद सत्तारूढ़ पार्टी निकाल रही है। इसके पूर्व इस्लामी जैसे संगठन जमीयत-उलेमा-ए-इस्लाम फजल या जमात-ए-इस्लामी अमेरिका विरोधी रैलियां निकालते रहे हैं, लेकिन इस बार सत्तारूढ़ पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और उसके निर्वाचित प्रतिनिधि आयोजित कर रहे हैं।

रैली में पीएम इमरान खान के साथ एकजुटता प्रकट करने के अलावा पीटीआई कार्यकर्ताओं ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के 18 जिलों में स्थानीय संस्थाओं के चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों की सफलता का जश्न भी मनाया। प्रांतीय वित्त मंत्री तैमूर खान और पेशावर से पीटीआई के सांसद फजल इलाही खान ने प्रांतीय राजधानी में प्रदर्शनों का नेतृत्व किया।

अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी
इमरान की पार्टी पीटीआई के कार्यकर्ता अमेरिका के खिलाफ नारे लिखे बैनर और तख्तियां लेकर रैली में शरीक हुए। उन्होंने एक निर्वाचित प्रधानमंत्री को कथित रूप से धमकी देने और एक संप्रभु देश की आंतरिक नीतियों में हस्तक्षेप के लिए अमेरिका और उसके नेतृत्व की आलोचना की।

भूखे रह लेंगे, पर दखल मंजूर नहीं
रैली में पीटीआई के सांसदों ने कहा कि वे भूखे रह लेंगे, लेकिन किसी भी देश को अपने नेतृत्व को निर्देशित करने की अनुमति नहीं देंगे। शुक्रवार को हुए विरोध प्रदर्शनों के कारण पेशावर और मर्दन में अलग-अलग इलाकों में ट्रैफिक जाम हो गया। लोग दो घंटे से ज्यादा समय तक परेशान हुए।

उधर, मुख्यमंत्री महमूद खान का एक ऑडियो संदेश वायरल हुआ है। इसमें उन्हें पीटीआई के निर्वाचित प्रतिनिधियों को स्थानीय सरकार के चुनावों के दूसरे चरण में पार्टी की सफलता का जश्न मनाने व अमेरिका के खिलाफ प्रदर्शन करने को कहा गया है। वह जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन करने को कहते सुने गए। ऑडियो संदेश में खान को यह कहते हुए सुना गया कि यह प्रधानमंत्री इमरान खान का आदेश है। ऐसी ही रैली पीटीआई की सिंध इकाई ने कराची में भी निकाली।