नई दिल्ली। भीषण गर्मी के बीच बिजली की खपत में यूपी ने रिकॉर्ड बना दिया है। प्रदेश में बिजली की मांग मंगलवार की रात 29, 820 मेगावाट पहुंच गई। न्यूनतम मांग भी 23,763 मेगावाट के साथ शीर्ष पर रही। यह यूपी में अब तक की सबसे ज्यादा मांग है।

देश में भी यूपी बिजली की खपत में सबसे आगे है। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र और फिर गुजरात जैसे राज्य हैं, जहां बिजली की मांग साढ़े 24 हजार मेगावाट के आसपास बनी हुई है। प्रदेश में खपत हो रही बिजली की 25 फीसदी आपूर्ति अकेले सोनभद्र से हो रही है। पिछले साल गर्मी के बाद तीन सितंबर को बिजली की मांग साढ़े 28 हजार मेगावाट (57.9 करोड़ यूनिट) के सर्वोच्च स्तर पर पहुंची थी।

इसकी पूर्ति में उत्पादन निगम को पसीने छूट गए थे। इस बार गर्मी के लिए परियोजनाओं में पहले से ही तैयारी शुरू हो गई थी। इकाइयों की ओवरहालिंग के अलावा नई परियोजनाओं की स्थापना के साथ उत्पादन शुरू किया गया था, ताकि भीषण गर्मी में मांग बढ़ने पर निर्बाध आपूर्ति की जा सके, मगर इस बार बिजली की मांग ने नया रिकाॅर्ड कायम किया है।

जून की शुरुआत से ही बिजली की मांग लगातार 29 हजार मेगावाट के पार बनी हुई है। सोमवार की रात पीक आवर में अधिकतम मांग 29500 मेगावाट पहुंची थी। चौबीस घंटे में अपने ही रिकाॅर्ड को पीछे छोड़ते हुए मांग 29820 मेगावाट के नए स्तर तक पहुंच गई। न्यूनतम मांग में भी तेजी से वृद्धि हुई है। शाम करीब छह बजे न्यूनतम मांग सर्वाधिक 23763 मेगावाट रही।

सोनभद्र में राज्य उत्पादन निगम की अनपरा व ओबरा परियोजना के अलावा निजी क्षेत्र की लैंको और एनटीपीसी की रिहंद, सिंगरौली परियोजना से अनुबंध के अनुसार करीब 7423 मेगावाट बिजली निगम को सुलभ हो रही है। यह कुल मांग के 25 फीसदी के बराबर है। हालांकि ओबरा सी की 660 मेगावाट की पहली इकाई के ट्रिपिंग के चलते 10 जून से बंद रहने से आपूर्ति पर असर पड़ा है।

बुधवार को यह इकाई लाइट अप कर ली गई, लेकिन अभी इसे हाफ लोड पर ही चलाया जा रहा है। भीषण गर्मी का तेवर ऐसे ही बना रहा तो बिजली की मांग के और बढ़ने के पूरे आसार जताए जा रहे हैं।

बिजली की रिकॉर्ड मांग और बिना शार्टेज उसकी आपूर्ति पर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बुधवार को एक्स पर पोस्ट कर बिजली कर्मियों का आभार जताया। उन्होंने लिखा कि प्रदेश के इतिहास की सबसे ज्यादा बिजली आपूर्ति हम कर रहे हैं। पूरे देश में भी हमारी आपूर्ति सबसे ज्यादा है।

अन्य अग्रणी राज्यों से हम लोग बहुत आगे हैं। प्रदेश के उपभोक्ताओं और ऊर्जा परिवार को इसके लिए बधाई। हालांकि उनके इस पोस्ट के बाद कई जिलों से उपभोक्ताओं ने लगातार बिजली कटौती की शिकायत भी दर्ज कराई है।

लोड डिस्पैच सेंटर से जारी आंकड़ों पर गौर करें तो प्रदेश में दस वर्ष पहले 2014-15 में बिजली की अधिकतम खपत 29 करोड़ यूनिट के आसपास थी। यह आंकड़ा मध्य गर्मी में आठ जून 2014 को पहुंचा था। वर्ष 2015 में 11 जून को बिजली की अधिकतम खपत 30 करोड़ यूनिट तक पहुंची थी।