पीलीभीत. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी के राजनीतिक भविष्य को लेकर लगातार नई-नई अटकलें लगाई जा रही हैं और कभी कहा जा रहा है कि वो भारतीय जनता पार्टी छोड़कर कांग्रेस जॉइन करने वाले हैं तो कुछ रिपोर्ट्स में उनके समाजवादी पार्टी में जाने की बात कही जा रही है. हालांकि, अभी तक वरुण गांधी ने आधिकारिक तौर पर इसको लेकर कुछ भी नहीं कहा है, लेकिन इस बीच उन्होंने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा संकेत दिया है और बातों ही बातों में उन्होंने इस बात का खुलासा कर दिया है कि वो किस सीट से चुनाव लड़ेंगे.

वरुण गांधी ने चुनाव लड़ने को लेकर कुछ भी खुलकर तो नहीं कहा है, लेकिन उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में भी उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से ही चुनावी मैदान में उतरने का संकेत दिया है. वरुण गांधी अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत में एक बार फिर एक्टिव हो गए हैं, जिससे साफ हो गया है कि वो इसी सीट से चुनाव लड़ेंगे.

वरुण गांधी ने ऐलान किया है कि पीलीभीत से उनका खून का रिश्ता है और इसी से अटकलें लगाई जाने लगी है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भी वो इसी सीट से चुनाव लड़ेंगे. वरुण गांधी सोमवार को पीलीभीत पहुंचे थे और इस दौरान उन्होंने कहा पीलीभीत से मेरा खून का रिश्ता है. उन्होंने पीलीभीत की जनता को अपना परिवार बताते हुए कहा था कि मैं यहां के लोगों को दुख-दर्द समझता हूं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी जब तक मैं और मेरी मां जिंदा रहेंगे, लोगों की समस्याओं को उठाते रहेंगे.

वरुण गांधी ने राजनीति में करियर की शुरुआत भारतीय जनता पार्टी से ही की थी और वर्तमान में भी इसी पार्टी से जुड़े हैं, लेकिन लगातार अपनी ही सरकार के कामों पर सवाल उठाते रहे हैं. इस वजह से उनके बीजेपी छोड़ने की अटकलें लगातार लगाई जा रही हैं. हालांकि, उन्होंने कभी भी पार्टी के किसी नेता पर निशाना नहीं साधा है और ना ही कभी बीजेपी छोड़ने की बात की है.

वरुण ने साल 2004 में बीजेपी जॉइन किया था, लेकिन इससे पहले ही वह राजनीतिक मंच पर नजर आने लगे थे और साल 1999 में उन्होंने पीलीभीत में अपनी मां मेनका गांधी के लिए लोकसभा चुनाव में प्रचार किया था. इसके बाद 2009 के चुनाव में बीजेपी ने पहली बार वरुण को पीलीभीत से लोकसभा चुनाव में उतारा और उन्होंने जीत दर्ज की. इसके बाद 2014 के चुनाव में सुल्तानपुर से टिकट मिला और उन्होंने यहां भी जीत हासिल कर ली. 2019 के चुनाव में बीजेपी ने वरुण को वापस पीलीभीत भेज दिया और वह लगातार तीसरी बार जीतकर लोकसभा पहुंचे. उत्तर प्रदेश की राजनीति में वरुण गांधी की पहचान एक ‘फायरब्रांड नेता’ के रूप में होती है.