नई दिल्ली. यूक्रेन के खिलाफ रूसी सैन्य अभियान का विरोध करने वाला एक प्रस्ताव शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में मतदान के लिए पेश किया गया। इस दौरान यूक्रेन पर रूसी हमले को रोकने और सेना को वापस बुलाने के प्रस्ताव पर मतदान हुआ। इस दौरान रूस ने प्रस्ताव पर वीटो किया। सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों में रूस भी शामिल है। उधर, भारत, चीन और यूएई ने हमले की निंदा करते मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को अमेरिका और अल्बानिया द्वारा लाए गए और पोलैंड, इटली, जर्मनी, एस्टोनिया, लक्जमबर्ग तथा न्यूजीलैंड सहित कई अन्य देशों द्वारा समर्थित मसौदा प्रस्ताव पर मतदान कराया गया। 11 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जबकि भारत सहित तीन देशों ने भाग नहीं लिया। रूस के वीटो के कारण यह प्रस्ताव गिर गया।
इस प्रस्ताव में रूस की आक्रामकता की निंदा के साथ ही यूक्रेन से तत्काल और बिना शर्त रूसी सेना की वापसी की भी बात कही गई है। UNSC में अमेरिका और अल्बानिया द्वारा पेश किए गए मसौदा प्रस्ताव में रूसी आक्रामकता, हमला और यूक्रेनी संप्रभुता के उल्लंघन की निंदा शामिल है। इसके साथ प्रस्ताव में यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता को लेकर प्रतिबद्धता जताई गई और रूसी हमले को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का उल्लंघन बताया गया।
पूर्वी यूक्रेन के दोनेत्सक और लुहांस्क को अलग मान्यता देने के फैसले को भी तुरंत पलटने का आह्वान मसौदे में किया गया। मसौदा प्रस्ताव में कहा गया है कि यूक्रेन में जरूरतमंद लोगों को मानवीय सहायता की तीव्र, मानवीय कर्मियों और बच्चों सहित कमजोर परिस्थितियों में व्यक्तियों की रक्षा के लिए सुरक्षित और निर्बाध पहुंच की अनुमति दें।