पटना। पटना के गाय घाट स्थित महिला रिमांड होम में होने वाले कुकर्मों से पर्दा उठने की बारी अब आती दिख रही है। रिमांड होम की सुपरिटेडेंट वंदना गुप्ता को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके खिलाफ रिमांड होम में रह चुकी दो लड़कियों ने गंभीर आरोप लगाया था। महिला थाना में फरवरी महीने में दोनों लड़कियों के बयान पर प्राथमिकी हुई थी। इस रिमांड होम में क्या-क्या कुकर्म होते थे, सब पीड़ित युवतियों ने बताए थे। इस मामले में कार्रवाई में पर्याप्त देर हुई। एक एनजीओ की सक्रियता और हाई कोर्ट के दखल के बाद पुलिस तत्पर हुई थी।
करीब छह महीने से अधिक समय तक हुई जांच के बाद मिले ठोस साक्ष्य के आधार पर वंदना गुप्ता को पूछताछ के लिए महिला थाना बुलाया गया। थाने में उनसे कई सवाल पूछे गए, जिसका जवाब उनके पास नहीं था। साक्ष्य और संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद पुलिस ने उन्हें थाने में ही गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी डा. मानवजीत सिंह ढिल्लों ने इस मामले की जांच के लिए एसआइटी बनाई गई थी। जांच और साक्ष्य मिलने के बाद वंदन गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
गाय घाट की महिला सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता के खिलाफ रिमांड होम में ही रह चुकी दो लड़कियों ने लड़कों को वहां बुलवाने और उनका यौन शोषण करवाने का आरोप लगाया था। गायघाट रिमांड होम में रह चुकी पीडि़ता द्वारा गंभीर आरोप लगाया गया था। पीडि़ता ने बताया था कि गायघाट रिमांड होम में गई थी तब भी वंदना गुप्ता वहां थी। आरोप लगाया था कि लड़कियों को गलत करने के लिए नशीली दवा दी जाती थी।
जाब के नाम पर नशीला इंजेक्शन देकर बाहर भेजा जाता था। विरोध करने पर उनके पक्ष में रहने वाली लड़कियों से पिटाई कराई जाती थी। उसे भी वहां मुजफ्फरपुर भेजा गया था, जहां एक युवक रिसीव करने वाला था। उसका नाम भी उजागर किया था। पीडि़ता किसी तरह उनके चंगुल से निकली थी। लड़कियों ने दावा किया था कि रात होने पर उन्हें नशा खिला दिया था और सुबह जगने पर उनके पूरे बदन में दर्द होता था।
31 जनवरी को मीडिया में मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया। लड़की का एक वीडियो सामने आया था। ढाई मिनट के वीडियो में लड़की ने रिमांड होम के अंदर की खौफनाक हरकतों का पर्दाफाश किया था। वीडियो सामने आने के बाद तत्काल प्रभाव से मुख्यालय और जिला स्तर से जांच टीम बनाई गई। 24 घंटे में जांच भी पूरी हो गई और रिपोर्ट भी सौंप दिया गया। जांच में पीडि़ता को झगड़ालू बता दिया गया था।
इसके बाद पटना हाईकोर्ट ने मामले को खुद संज्ञान लिया था, जिसके बाद लड़कियों के आरोपों के आधार पर जांच आगे बढ़ी। फिर फरवरी महीने में दोनों लड़कियों के बयान पर महिला थाने में अलग-अलग कांड संख्या 13/22 और कांड संख्या 17/22 दर्ज हुआ था। इसके बाद एसएसपी डा. मानवजीत सिंह ढि़ल्लों ने दोनों केस की जांच और आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए एसआइटी का गठन किया था। एसआइटी इस मामले में 90 लड़कियों का बयान दर्ज की थी।
बताया जा रहा है कि वंदना गुप्ता ने अग्रिम जमानत याचिका पटना सिविल कोर्ट में दायर की थी, लेकिन सुनवाई के बाद कोर्ट ने भी अग्रिम जमानत की याचिका को कुछ दिनों पहले खारिज कर दिया था। वंदना गुप्ता पर रिमांड होम में रह चुकी एक अन्य लड़की भी गंभीर आरोप लगा चुकी है। इस मामले में तीन लड़कियों ने बयान दिया था।