करनाल। मौसम साफ व शुष्क होता जा रहा है। मौसम विभाग ने फरवरी में एक के बाद एक तीन पश्चिमी विक्षोभ हिमालय को प्रभावित कर सकते हैं। लेकिन इसका असर मैदानी क्षेत्रों में देखने को नहीं मिलेगा। सर्दी का मौसम कई मायनों में खास होता है। पश्चिमी विक्षोभ के अभाव में नवंबर का महीना लगभग सूखा रहा। दिसंबर में कुछ पश्चिमी विक्षोभ देखे गए लेकिन उनमें से केवल दो ही तीव्र थे और परिणामस्वरूप अच्छी बर्फबारी हुई।
दूसरी ओर, जनवरी के महीने में पश्चिमी विक्षोभ की उच्च आवृत्ति देखी गई। कुल मिलाकर, सात पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय के पास पहुंचे, जिनमें से तीन प्रबल थे। हरियाणा, पंजाब व दिल्ली में इनका असर देखने के मिला था। फरवरी की शुरुआत एक बहुत मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के साथ हुई थी, अच्छी बरसात दर्ज की गई। बरसात के रूप में इसका प्रभाव पंजाब से लेकर पश्चिम बंगाल तक भारत के गंगा के मैदानी इलाकों में दिखाई दे रहा था।
एक और पश्चिमी विक्षोभ
हालांकि इसकी प्रकृति में कमजोर है। 13 फरवरी को पश्चिमी हिमालय पर पहुंच जाएगा। 15 फरवरी तक हल्की बरसात और हिमपात संभव है। 16 से 20 फरवरी के बीच दो और बैक टू बैक सिस्टम आने की उम्मीद है। 16 से 20 फरवरी के बीच तीसरा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना बनी हुई है। ये पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी मैदानों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं होंगे। हालांकि इन मौसम प्रणालियों के आने और जाने के कारण न्यूनतम में उतार-चढ़ाव हो सकता है। आगमन के दौरान न्यूनतम वृद्धि मामूली रूप से बढ़ सकती है और इन मौसम प्रणालियों के पारित होने के बाद गिर सकती है।
यह बना हुआ है मौसमी सिस्टम
केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक देशभर में कोई महत्वपूर्ण मौसम प्रणाली नहीं रही है। भारत के गंगा के मैदानी इलाकों में तेज उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलती रहीं। तमिलनाडु में मध्यम से तेज हवाएं चलीं।