नई दिल्ली. अकसर आपने पैरेंट्स से जरूर सुना होगा कि सुबह जल्दी उठना चाहिए. दुनिया में कई बड़े बिजनेसमैन सुबह काफी जल्दी उठते हैं. उदाहरण के तौर पर ब्रिटेन के कारोबारी रिसर्च ब्रैनसन पौने छह बजे जागते हैं तो वहीं फिएट कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सर्जियो मार्शियोन सुबह 3.30 बजे उठ जाते हैं. एप्पल कंपनी के सीईओ टिम कुक पौने चार बजे बिस्तर छोड़ देते हैं. ये लोग जीवन में कामयाबी के शिखर पर हैं. लेकिन क्या सुबह जल्दी उठने के कारण इन लोगों ने ये कामयाबी पाई है? क्या देर से उठने वाले लोग करियर में ज्यादा सफल नहीं हो पाते? सुबह जबरन उठने से शरीर को क्या नुकसान पहुंचता है? ये ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब आज हम आपको देने वाले हैं.
ऐसा नहीं है कि जो लोग सुबह जल्दी जागते हैं वो देर से उठने वालों से ज्यादा कामयाब हैं. दुनिया दो भागों में विभाजित है. एक वो लोग हैं, जिनको देर रात तक जागना अच्छा लगता है. वहीं ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें सुबह उठना पसंद होता है. करीब एक चौथाई लोग दुनिया में ऐसे हैं, जो सुबह उठना पसंद करते हैं, वहीं इतने ही लोग देर रात तक जागना पसंद करते हैं.
रिसर्च कहती है कि देर रात तक जागने वाले कल्पनाशीलता के मामले में आगे होते हैं. उनको अकेले समय बिताना पसंद होता है. जबकि सुबह जागने वालों का मिजाज सहयोगी होता है. वो किसी भी घटना की सही समीक्षा कर लेते हैं. सुबह उठने वाले अपनी हेल्थ का ज्यादा ध्यान रखते हैं जबकि डिप्रेशन के भी कम शिकार होते हैं. वे शराब भी कम पीते हैं. देर रात तक जागने वालों की याद रखने की ताकत अच्छी होती है. वे नए एक्सपेरिमेंट करने में भी दिमाग खुला रखते हैं. साथ ही सुबह उठने वालों की तरह ही अक्लमंद, सेहतमंद और दौलतमंद होते हैं.
एक किसी को बॉडी क्लॉक के विपरीत सुबह जागने या रात तक उठने को कहा जाएगा तो शरीर पर बुरा असर ही पड़ेगा. शरीर के साथ जबरदस्ती कभी अच्छे परिणाम नहीं देती. अगर शरीर को ऑर्गेनिक तरीके से ही चलने दिया जाए, तभी उसका परफॉर्मेंस बेहतर होगा. अगर कोई शख्स देर रात तक जागता है और उसको अगर सुबह जल्दी उठने को कहा जाएगा तो उसका काम में मन कम लगेगा. उसे आलस आता रहेगा और दिमाग का भी ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाएगा. उसकी तबीयत खराब होने के अलावा मोटापा आ सकता है.